सूरत में मजबूर व्यापारियों ने ऐसे प्रदर्शित किया अपने मन का दर्द, कहा - ‘व्यापारी चोर नहीं...!’

सूरत में मजबूर व्यापारियों ने ऐसे प्रदर्शित किया अपने मन का दर्द, कहा - ‘व्यापारी चोर नहीं...!’

कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रण में लेने के लिये विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने-अपने तरीकों से नियंत्रण लागू किये हैं। गुजरात में इन दिनों आंशिक लॉकडाउन की स्थिति है। व्यापारिक गतिविधियां ठप्प हैं लेकिन आवश्यक चीज-वस्तुओं की दुकानें खुली हैं। कुछेक मामले विगत दिनों में ऐसे भी सामने आये हैं जब कुछेक दुकानदार अपने दुकानों से अपना माल निकाल कर डिलीवरी करते हुए पकड़े गये और जुर्माना भरना पड़ा। 
हालांकि तालाबंदी की वर्तमान स्थिति में अब व्यापारियों का सब्र टूटता नजर आ रहा है। व्यापारी मांग कर रहे हैं कि अब तो कोरोना के मामलों में भी कमी आई है, ऐसे में दुकानें खोलने की परमीशन दे दी जानी चाहिये। सूरत के कपड़ा मार्केट के संगठनों में ने भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से टेक्सटाईन मार्केट खोलने देने की परमीशन दिलवाने में मदद की गुहार लगाई है।
प्रतिकात्मक तस्वीर
इसी बीच सूरत शहर के कुछ इलाकों में व्यापारियों ने ऐसे बैनरों के साथ प्रदर्शन किया है, जिस पर लिखे वाक्य उनके दुःखद मनोस्थिति दर्शाते हैं। एक मॉल के बाहर खड़े व्यापारियों-दुकानदारों का एक बैनर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें लिखा गया है कि व्यापारी चोर नहीं है साहब, जो अपनी दुकान में से चोरों की तरह माल निकाल कर बेचे। भूख, ऋण, किश्तें, जिम्मेदारियां, ब्याज, बिल, टैक्स, वेजन, बीमारी का डर, घर खर्च हमें ऐसा करने को मजबूर करता है। सरकार एक बार एक मह‌िने का पगार, भत्ता, पेंशन रोक कर देखे। पूरे देश को पता चल जायेगा कि बेरोजगारी क्या होती है। बैनर में ये भी लिखा है कि आत्मनिर्भर भारत की यही पहचान, खुलेगी हमारी दुकान।
खैर, सोमवार और मंगलवार को गुजरात में चक्रवात ताऊते के कारण बंदी में ही गुजर जायेगा, उसके बाद देखना है कि राज्य सरकार व्यापारिक कामकाज को बढ़ावा देने के इरादे से कुछ छूट देती है या वर्तमान बंदी को और बढ़ा देती है। 
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