गुजरात में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का टीकाकरण कम

गुजरात में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का टीकाकरण कम

45 वर्ष से अधिक और कम दोनो ही श्रेणी में पुरूष वैक्सिनेशन में आगे

पुरूष प्रधान समाज में वैक्सिनेशन में भी महिलाए पीछे हैं। देशभर में इन दिनों वैक्सिनेशन का काम चल रहा है। गुजरात में भी वेक्सिनेशना का काम जोरो पर है। लेकिन गुजरात में वैक्सीनेशन के कार्यक्रम में महिलाएं अभी तक पुरुषों की अपेक्षा पीछे हैं गुजरात में कई 21 मई तक 45 वर्ष से अधिक आयु के कुल 3876251 लोगों ने वैक्सीन लिया था जिसमें की महिलाओं का हिस्सा 47.41 था यानी कि वह पुरुषों से 5.17 पीछे थी। इसी तरह से पहला डोज लेने वालो में भी महिलाओं का प्रमाण 6.79 प्रतिशत कम था।
गुजरात में अब तक फ्रन्टलाइन वरियार, 45 साल से अधिक तथा अन्य लोगों को मिलाकर कुल 38,76,251 लोगों ने वैक्सिन के दोनो डोज लिए। इसमें पुरूषो की संख्या 20,38,340 है यानि की 52.38 प्रतिशत है। महिलाओं की संख्या 1837911 मतलब कि 47.41 प्रतिशत है। राज्य में हर स्तर पर पुरुष और महिलाओं के बीच अंतर तो पहले से ही है। लेकिन यहां वेक्सिनेशन में भी कमी दिख रही है। गुजरात में 1000 लड़कों के जन्म के मुकाबले 920 लड़कियों का जन्मदर है। सन 2011 में यह घटकर 919 हो गया था और अभी भी लगातार घटते ही जा रहा है।
साक्षरता की दृष्टि से बात करें तो 2011 में पुरुषों का साक्षरता दर 85.8% था जबकि लडकियों का 69.7 था। इसमें 16.1 प्रतिशत का अंतर था। राज्य में सेकेंडरी में से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई में लड़कियों का अनुपात 18.7% है जो कि लड़कों की अपेक्षा 3.3 कम है। गुजरात के समाज में पुरुष को प्रधान माना जाता है। इसी तरह से वेक्सिनेशन में भी 33 जिलों की हालत देखे तो वहां से भी बड़े आश्चर्यजनक तथ्य सामने आ रहे हैं। राज्य में 45 से अधिक उम्र के कुल 11357540 लोगों ने 21 तारीख तक पहला डोज लिया था। जिसमें की 6064072 पुरुष और 5293468 महिलाएं थी। यह क्रमश: 53.39 और और 46.60% है।