यदि आपको टर्नओवर पांच करोड़ से अधिक है तो जीएसटी का ये नियम जान लें!

यदि आपको टर्नओवर पांच करोड़ से अधिक है तो जीएसटी का ये नियम जान लें!

अभी तक 20 करोड़ या उससे ज्या दा टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ही ई-इनवॉइस जरूरी है

सरकार आये दिन जीएसटी में बदलाव कर रही हैं। इसी क्रम में सरकार जीएसटी में एक और बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। इसके तहत 5 करोड़ से ज्यािदा टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जीएसटी ई-इनवॉइस बनाना करना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जीएसटी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सरकार टैक्सई चोरी को रोकने और कार्य-प्रणाली को बहार बनाने के लिए  ई-इनवॉइस की अनिवार्यता का दायरा बढ़ाने जा रही है। अभी तक 20 करोड़ या उससे ज्यारदा टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ही ई-इनवॉइस जरूरी है। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस दायरे को दो फेज में घटाया जाएगा। पहले फेज में 10 करोड़ या उससे ज्याकदा टर्नओवर वाली कंपनियों पर ई-इनवॉइस जरूरी बनाया जाएगा। फिर इस थ्रिसॉल्डए को घटाकर 5 करोड़ रुपये सालाना किया जाएगा। सरकार ने 1 अक्तू बर, 2020 को 500 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए इसे जरूरी बनाया था। इसके बाद 1 जनवरी, 2021 को इसे घटाकर 100 करोड़ कर दिया गया, जबकि 1 अप्रैल 2021 को फिर बदलकर 50 करोड़ तक टर्नओवर तय कर दिया। 1 अप्रैल, 2022 को फिर इसका दायरा घटाकर 20 करोड़ टर्नओवर पर ला दिया गया था।
जीएसटीएन के अनुसार, वर्तमान में 20 करोड़ से 50 करोड़ टर्नओवर वाले 2.19 लाख जीएसटी आईडेंटिफिकेशन नंबर हैं, पर इनमें से महज 1.53 लाख ही इन्वॉ2इस जेनरेट करते हैं। इसी तरह, 50 से 100 करोड़ टर्नओवर में भी 86,963 जीएसटीआईएन हैं, जिसमें से महज 48,217 ही इन्वॉलइस जेनरेट करते हैं। इस बारे में सरकार ने कहा कि जीएसटी इन्वॉरइस का थ्रिसॉल्डल कम करने से टैक्सं चोरी पर लगाम कसने और खरीदारों को इनपुट टैक्सं क्रेडिट का लाभ मिलेगा। उनके लिए आईटीसी क्लेीम करना आसान होगा जाएगा और इसकी प्रक्रिया भी जल्दव पूरी हो जाएगी। इसका मतलब है कि ई-इन्वॉ इस कम टर्नओवर पर लागू होना कारोबारी और सरकार दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। बता दें कि जीएसटी नेटवर्क ने नई व्यववस्थाम को अगले तीन से चार महीने में लागू करने की बात कही है। सभी कंपनियों और कारोबारियों को इनपुट टैक्स  क्रेडिट (आईटीसी) क्लेलम करने के लिए अपने इंटरनल सि‍स्टतम अथवा बिलिंग सॉफ्टवेयर पर इन्वॉाइस जेनरेट करना जरूरी होगा और इसकी रिपोर्ट इन्वॉाइस रजिस्रे‍न शन पोर्टल पर भी देनी होगी।