आनंद एआरटीओ में सामने आए घोटाले में अहमदाबाद से भी सैकड़ों मामले

आनंद एआरटीओ में सामने आए घोटाले में अहमदाबाद से भी सैकड़ों मामले

आनंद एआरटीओ में तीन साल में 5,000 से अधिक फर्जी लाइसेंस के साथ 4 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला

आनंद एआरटीओ में तीन साल में 5,000 से अधिक फर्जी लाइसेंस घोटाले मामले में अहमदाबाद के 500 से अधिक लाइसेंस मिले हैं। वैद्यता समाप्त हो चुके लाइसेंस को बेकलोग में रीन्यू करना, टूव्हीलर के लाइसेंस होने पर कार का लाइसेंस लेना हो तो बिना ड्राइविंग टेस्ट के लाइसेंस जारी करना और अन्य शहर के आवेदनकर्ताओं को किराये के समझौते के तहत अन्य शहर के आवेदकों को सीधे लाइसेंस आवंटित करने जैसे का घोटाले ऑनलाइन संचालन की सुरक्षा के खिलाफ सवाल खड़ा करते हैं।
आपको बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि कार्यालय के अधिकारियों ने 4 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया है। पूर्व आरटीओ अधिकारी जी. पटेल ने परिवहन आयुक्त के समक्ष साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है। डेढ़ साल पहले स्थानीय जिला कलेक्टर द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में वाहन लेनदेन विभाग के ओएसडी एच. एम वोरा ने कहा, "जांच जारी है और हमें इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया जाएगा।"
इस मामले में सामने आई जानकारी के अनुसार फर्जी लाइसेंस बनवाने के लिए एजेंटों ने आवेदकों से बीस हजार रुपये या उससे अधिक पैसे लिए, जिनमें से आठ हजार से दस हजार रूपये तक एआरटीओ अधिकारियों को दिया। यह सामने आया है कि कथित घोटाले में शामिल अधिकारी ने फर्जी खाते से लाइसेंस की मंजूरी देकर लाखों रुपये कमाए हैं।
इस मामले में आरटीओ के पूर्व अधिकारी जी.एम पटेल ने बताया कि आनंद एआरटीओ ऋत्विजा दानी ने 4 मई को कमिश्नर को सूचना दी थी। कार्यालय कर्मचारी चौधरी प्रवीण के नाम से फर्जी खाता खोलकर घोटाला किया गया है। इसने आयुक्त राजेश मंजू को एक ही कार्यालय में 591 फर्जी लाइसेंसों की सूची पेश कर जांच की मांग की है। वहीं इस बारे में आनंद एआरटीओ के अधिकारी ऋत्विजा दानी ने बताया कि आनंद एआरटीओ कार्यालय में फर्जी लाइसेंस की पूरी जानकारी मेरे पास नहीं है। मैं अप्रैल, 2021 से एआरटीओ का प्रभारी हूं। इसलिए मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। मेरे द्वारा परिवहन आयुक्त को कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है।