लाचारी : जब भेड़-बकरी चराने 12 वर्ष के बालक को मां-बाप ने 10 हज़ार में गिरवी रख दिया, जानें फिर क्या हुआ

लाचारी : जब भेड़-बकरी चराने 12 वर्ष के बालक को मां-बाप ने 10 हज़ार में गिरवी रख दिया, जानें फिर क्या हुआ

पैसों के लिए गिरवी रखा 12 साल के बालक को, बाल सुरक्षा विभाग ने बचा कर चाइल्ड होम भेजा

आज के महंगाई के युग में आदमी की हालत एकदम दयनीय हो चुकी हैं। जहां मध्यम वर्ग दो वक्त का खाना बड़ी मुश्किल से पूर्ण कर रहा हैं, वहीं गरीब वर्ग का तो उससे भी बुरा हाल हैं। महंगाई के बोज के तले आए दिन आपने गरीब व्यक्तियों द्वारा पैसों के बदले अपने पुत्र - पुत्री को गिरवी रखने की खबरों के बारे में आपने सुना होगा। ऐसा ही एक और केस गुजरात के मोडासा में हुआ था। जहां लाचार माँ बाप ने अपने 12 वर्ष के पुत्र को भेड-बकरी चराने के लिए गिरवी रख दिया। पिछले कई समय से खंभीसर के एक गाँव में इस बालक को अपने माता पिता के वापिस आने की तलाश थी। हालांकि माता पिता तो अब भी उसके पास नहीं आए, पर घटना की जानकारी मिलते ही जिला बाल सुरक्षा विभाग को मिलते ही बालक को रेसक्यू कर उसे चिल्ड्रन होम भेज दिया था। 
मात्र 10 हजार के लिए खुद के ही बालक को रखा गिरवी
विस्तृत जानकारी के अनुसार मोड़ासा के खंभीसर गाँव में एक 12 साल के बालक को उसके माता पिता ने 10 हजार लेकर गिरवी रखे होने के जानकारी मिली थी। इसके चलते अगम फ़ाउंडेशन और बाल सुरक्षा विभाग के अधिकारी वहाँ पहुंचे और पिछले कई दिनों से गिरवी रखे बालक को मुक्त करवाया था। कर्मचारियों ने जब बालक से पूछताछ की तो उनके भी आश्चर्य का पार नहीं रहा। मात्र 12 साल की आसपास की उम्र के इस बालक को उसके माँ बाप 10 हजार रुपए में गिरवी रख गए थे। माता पिता ने पैसे लेकर अपने बालक को मालधारीयों के पास भेड़-बकरी चारने के लिए गिरवी रख दिया और पैसों की व्यवस्था हो जाने पर अपने बेटे को लेकर जाएंगे ऐसा वादा किया था। खेलने कूदने की उम्र में 12 साल के बेटे को गिरवी रखने की खबर सुनकर पूरा मोड़ासा आश्चर्यचकित हैं। 
बालक के माता-पिता की जांच शुरू
अरवल्ली जिला के बाल सुरक्षा अधिकारी दिलीपसिंह बिहोला ने बताया कि प्रारंभिक जांच में बालक मालपुर के वांकानेडा गाँव का मालूम चला है। बालक का पता मिलते ही उसके घर पर खोज शुरू कर दी गई है। पता चला हैं कि माता पिता जहां पहले काम करते थे, वहाँ से अन्यत्र काम करने के लिए चले गए हैं। जाते जाते उन्होंने बालक को भेड़-बकरी चारने के लिए गिरवी रख दिया था। 
अन्य पुत्र को भी गिरवी रखे गए होने कि आशंका 
बल सुरक्षा विभाग ने बालक से पूछताछ तो कि पर डरे हुये होने कि वजह से वह कुछ बता नहीं पा रहा था। हालांकि प्रारंभिक जांच में पता चला हैं कि उसका एक भाई भी हैं। हालांकि वह कहाँ हैं इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। अगम फ़ाउंडेशन के हेतलबेन पंडया एवं अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा बालक को चाइल्ड होम भेजा गया हैं। सभी का अनुमान हैं कि अन्य पुत्र को भी इसी तरह कहीं न कहीं गिरवी रखा गया होगा। 
Tags: