ज्ञानवापी : ‌‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग जांच की मांग खारिज

ज्ञानवापी : ‌‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग जांच की मांग खारिज

वाराणसी स्थिति ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कार्बन डेटिंग और ‘शिवलिंग’ की वैज्ञानिक जांच नहीं होगी। आज वाराणसी जिला जज कृष्‍ण विश्वेश द्वारा शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग के संबंध की गई याचिका को खारिज कर दिया। अदालत द्वारा दिये गये इस निर्णय से हिंदू पक्ष को झटका लगा है। 


आपको बता दें कि कार्बन डेटिंग वो वैज्ञानिक पद्धति है जिसकी मदद से किसी भी पुरानी वस्तु की उम्र आंकी जा सकती है। ये तकनिक 1949 में शिकागो युनिवर्सिटी के वैज्ञानिक विलियर्ड लिब्बी ने ढूंढी थी। हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मामले में कार्बन डेटिंग के द्वारा शिवलिंग कितना पुराना है इसकी पड़ताल करने की मांग की गई थी। 


अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार परिसर में जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उसकी हिफाजत की जाए। परंतु कार्बन डेटिंग किये जाने से उसे संभवतया नुकसान हो सकता है और इस कारण लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। इसलिये कार्बन डेटिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती।


अदालत के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो। अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। हम उच्च न्यायालय में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है।