नितिन गडकरी का गुरुमंत्र; ‘व्यक्ति पराजित होने पर नहीं बल्कि हार मान लेने पर खत्म हो जाता है!’

नितिन गडकरी का गुरुमंत्र; ‘व्यक्ति पराजित होने पर नहीं बल्कि हार मान लेने पर खत्म हो जाता है!’

किसी को भी 'इस्तेमाल करो फेको' की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।''

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को अपने गृह नगर नागपुर में उद्यमियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता लेकिन जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है। गडकरी यहां उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है।
भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा ने अपने संसदीय बोर्ड के सदस्यों में बदलाव करते हुए नितिन गडकरी को निकाल दिया। इस बारे में चर्चा में रहे गडकरी ने सांकेतिक रूप से कहा, ''इसलिए, किसी को भी 'इस्तेमाल करो फेको' की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।''

जब कांग्रेसी नेता ने दिया था कांग्रेस में आने का ऑफर

आपको बता दें कि नागपुर में उद्यमियों की एक बैठक के दौरान गडकरी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए एक छात्र नेता के समय की एक घटना को सबके साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि उस समय कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा था। गडकरी ने कहा, "मैंने श्रीकांत से कहा कि मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि मुझे आपकी पार्टी की विचारधारा पसंद नहीं है।" आगे मौजूदा राजनीति पर बात करते हुए नितिन गडकरी ने रिचर्ड निक्सन के कथन का हवाला देते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता। जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है।

पिछले महीने राजनीति छोड़ने के बारे में की थी बात

इससे पहले पिछले महीने नागपुर में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीति छोड़ने के बारे में बात कही थी। तीन सप्ताह बाद नागपुर से बीजेपी सांसद गडकरी को पार्टी संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया। इसके अलावा केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) से भी हटा दिया गया। इससे पहले गडकरी ने शनिवार को ही मुंबई में किसानों को चीनी उत्पादन कम करने तथा ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की ओर कृषि में विविधता लाने का सुझाव दिया। गडकरी ने यहां नेशनल कोजेनरेशन अवार्ड्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''जहां हमारी 65-70 फीसदी आबादी कृषि पर नर्भिर है, वहीं हमारी कृषि विकास दर 12-13 फीसदी ही है। गन्ना उद्योग और किसान हमारे उद्योग के लिए विकास का इंजन हैं।''