गुजरात : मियावाकी तकनीक से सघन वनीकरण के जरिए बढ़ाएंगे वन क्षेत्र : मुख्यमंत्री

गुजरात : मियावाकी तकनीक से सघन वनीकरण के जरिए बढ़ाएंगे वन क्षेत्र :  मुख्यमंत्री

वलसाड़ में 72वें वन महोत्सव का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ, 21वें सांस्कृतिक वन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी ने कहा कि हरित और स्वच्छ गुजरात की संकल्पना को साकार करने के लिए गुजरात के वन क्षेत्र में हुई 15 फीसदी की वृद्धि को मियावाकी तकनीक से सघन वनीकरण के जरिए और आगे ले जाना है। आजादी के अमृत महोत्सव के एक दिन पहले वलसाड़ जिले की उमरगाम के कलगाम में 72वें वन महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर उन्होंने यह बात कही। 
इस अवसर पर उन्होंने कलगाम में मारुति नंदन श्री हनुमान जी को समर्पित गुजरात के 21वें सांस्कृतिक वन ‘मारुति नंदन’ का लोकार्पण किया। पवित्र सावन महीने में शिवजी को प्रिय रुद्राक्ष के पौधे का रोपण करते हुए उन्होंने रामायण काल को अभिव्यक्त करने वाले आकर्षणों के साथ बाल हनुमानजी के प्रसंगों को यहां भावी पीढ़ी के लिए उजागर करने की मंशा व्यक्त की और गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत बनाने के प्रयासों की जानकारी दी। 
‘जीव में शिव’ और ‘कण-कण में शंकर’ की भावना के साथ वृक्ष और जल संचयन को मानव जीवन के लिए बहुत आवश्यक करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, तब विकास को समर्पित राज्य और केंद्र सरकार ने इसके लिए अलग विभाग बनाकर टिकाऊ विकास की दिशा में कार्य किया है। 
मुख्यमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के जश्न के साथ ही आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले आजादी के मतवालों के सपनों के भारत का निर्माण करने में अनेक संकल्पों के साथ उनकी सिद्धियों की दिशा में आगे बढ़ने के सामूहिक प्रयासों की हिमायत की। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का रोल मॉडल गुजरात प्रत्येक क्षेत्र में आगे रहकर अपना कर्तव्य निभा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हाल ही घोषित की गई ई व्हीकल पॉलिसी, व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी, उज्ज्वला योजना, ठोस कचरा प्रबंधन और जल संचयन योजना जैसी अनेक योजनाओं के साथ सरकार लगातार चिंतित और कार्यरत है। स्थानीय रोजगार के सृजन के साथ आजादी के इस अमृत महोत्सव में उन्होंने सभी से पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प करने का भी आह्वान किया। 
वन एवं आदिजाति मंत्री  गणपतसिंह वसावा ने सुशासन के पांच वर्ष पूरे होने पर आयोजित जनसेवा के यज्ञ का जिक्र करते हुए पूरे राज्य में वन महोत्सव के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता के कारण आज इस 21वें सांस्कृतिक वन का लोकार्पण किया है। 
मानव जीवन में वृक्ष की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए कहा वन मंत्री ने ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करने वाले वृक्षों का बड़े पैमाने पर रोपण करने की अपील की। वन क्षेत्रों को छोड़ अन्य स्थानों पर वनीकरण के वन विभाग के प्रयासों की रूपरेखा पेश करते हुए उन्होंने वन क्षेत्र एवं वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर प्रयासरत राज्य सरकार के दृष्टिकोण की जानकारी दी। 
देश में अनेक क्षेत्रों में अव्वल गुजरात को वन क्षेत्र के विस्तारीकरण में भी अग्रणी बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की हिमायत करते हुए श्री वसावा ने कहा कि वनों के साथ प्राकृतिक पर्यटन के विकास की दिशा में भी राज्य सरकार कार्यरत है। 
वन राज्य मंत्री रमणलाल पाटकर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र वलसाड़ जिले में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण वन क्षेत्र के कारण बहुत लाभ होगा। उन्होंने गत पांच वर्षों में राज्य और केंद्र सरकार की ओर से इस क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया। 
विधायक भरतभाई पटेल ने कहा कि कोरोना काल में वृक्षों की अनिवार्यता हम सभी को समझ आई है। मानव जीवन में वृक्षों की उपयोगिता को समझते हुए उन्होंने वृक्षों के जतन-संवर्धन की अपील की। 
वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव अरुण कुमार सोलंकी ने स्वागत भाषण में वनीकरण के माध्यम से स्थानीय रोजगार पैदा करने के राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक दिनेश कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया। 
राज्यस्तरीय वन महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वनीकरण के जरिए जन जागृति के लिए योगदान देने वाली राज्य की 38 गैर सरकारी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र दिए। स्वप्रयास से वनीकरण द्वारा जन जागृति पैदा करने वाले 3 व्यक्तियों को इस अवसर पर ‘वन पंडित’ पुरस्कार से नवाजा गया। कार्यक्रम के दौरान 3 ग्राम पंचायत और 3  तहसील पंचायतों को वृक्षों से हुई 1.91  करोड़ रुपए की आय का चेक वितरित किया गया। 
कार्यक्रम में सांसद डॉ. केसी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अल्काबेन शाह, विधायक सर्वश्री भरतभाई पटेल, कनुभाई देसाई, अरविंदभाई पटेल, जीतुभाई चौधरी, कलक्टर सुश्री क्षिप्रा आग्रे, जिला विकास अधिकारी  मनीष गुरवानी, पुलिस अधीक्षक डॉ. राजदीपसिंह झाला, वन विभाग के उच्च अधिकारी और ग्रामजन उपस्थित थे। 
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