'गुलाब' के असर से पैदा हुए 'शाहीन' के संकट तले गुजरात, अगले दो दिनों में भारी बारिश की संभावना

'गुलाब' के असर से पैदा हुए 'शाहीन' के संकट तले गुजरात, अगले दो दिनों में भारी बारिश की संभावना

तूफान शाहीन के मद्देनजर राज्य भर में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।

वर्तमान में देश के दो तरफ दो तूफानों का आतंक है। अभी दो दिन पहले ही गुलाब तूफान ओडिशा के तट से टकराने के बाद कमजोर हुआ और अब अरब सागर की ओर बढ़ रहा है। हालांकि गुलाब तूफान भले ही यह कमजोर हो गया हो, लेकिन गुजरात अब एक नए तूफान से प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटों में, गुजरात तूफान शाहीन से प्रभावित होगा, जो दरअसल गुलाब हरिकेन का ही प्रभाव है।
आपको बता दें कि मौसम विभाग के निदेशक मनोरमा ने कहा कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों पर आए 'गुलाब' तूफान के प्रभाव के बाद अरब सागर में एक और तूफान 'शाहीन' पैदा हो रहा है।  अरब सागर में शाहीन नाम का तूफान उठ रहा है।  हालांकि, अगर यह चक्रवात बन जाता है भी तो गुजरात के लिए कोई बड़ा संकट नहीं है। इसके प्रभाव से कल तटीय क्षेत्र में तेज हवाएं चलेंगी, उसके बाद अरब सीमा पर उसका असर देखने को मिलेगा।
आपको बता दें कि वर्तमान में डीप डिप्रेशन है, जो 6 घंटे में वेलमार्क लो डिप्रेशन बन जाएगा। तूफान शाहीन के मद्देनजर राज्य भर में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। इतना ही नहीं अगले 3 दिनों तक पूरे राज्य में बारिश का मौसम ऐसा ही रहेगा। ऐसे में अगले 2 से 3 दिनों में, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों जैसे कोंकण, मराठवाड़ा, दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।  तो गुजरात के तटीय इलाके में कल सुबह तक 60 किमी प्रति घंटे और कल 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। ऐसे में मछुआरों से वर्तमान में 4 दिनों के लिए समुद्र की ओर जाने से मना किया गया है। अहमदाबाद में भी 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, लेकिन अहमदाबाद में कोई खतरा नहीं है।
साथ ही भरूच, आणंद, भावनगर, अमरेली, जूनागढ़, राजकोट और गिर सोमनाथ में भारी बारिश की संभावना है। उत्तरी गुजरात में सामान्य बारिश, कच्छ और अहमदाबाद के शहरी इलाकों के साथ-साथ साणंद जैसे इलाकों में भी सामान्य बारिश की संभावना है।
गौरतलब है कि इस समय गुजरात में 3% कम बारिश हुई है।  कच्छ-सौराष्ट्र में 13 प्रतिशत अधिक वर्षा होती है।  तो गुजरात क्षेत्र में, 14% वर्षा की कमी अभी भी है।