गुजरात : 10वीं के छात्रों के लिविंग सर्टिफिकेट में ‘मास प्रमोशन’ की जगह ये शब्द प्रयोग होगा...

गुजरात : 10वीं के छात्रों के लिविंग सर्टिफिकेट में ‘मास प्रमोशन’ की जगह ये शब्द प्रयोग होगा...

'मास प्रमोशन' शब्द के विरोध के बाद लिया गया निर्णय

कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से लेकर 12 तक के सभी बच्चों को मास प्रमोशन दे दिया गया है। महामारी के कारण 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा को भी कैन्सल कर दिया गया था। ऐसे में 10वीं कक्षा का रिजल्ट बनाने के लिए सरकार द्वारा मास प्रमोशन से पास हुए ऐसा लिखने का निर्देश दिया था। हालांकि इसके बाद इसे लेकर काफी विवाद हुआ। लोगों द्वारा भारी विरोध होने पर सरकार द्वारा मास प्रमोशन की जगह दूसरा वाक्यप्रयोग करने का निर्णय लिया गया है। 
बता दे की महामारी के कारण सरकार द्वारा कक्षा 10 के रेग्युलर परीक्षा देने वाले 8 लाख 37 हजार बच्चों का मास प्रमोशन कर दिया गया था। जिसके बाद रिजल्ट बनाते समय रिमार्क्स के बॉक्स में कक्षा 10 की परीक्षा मास प्रमोशन से पास की ऐसा लिखने का निर्देश दिया गया था। हालांकि इस तरह से मास प्रमोशन लिखने के कारण छात्रों को भविष्य में तकलीफ होने की संभवना हो सकती है, जिसके चलते अनेक शिक्षा विशेषज्ञों द्वारा बात करने के बाद सरकार ने अपना निर्णय बदला है। 
सरकार ने उपयुक्त वाक्यप्रयोग के जगह पर 'माध्यमिक शिक्षा पूर्ण हुई' वाक्यप्रयोग करना रहेगा।  सरकार की अनुमति के बाद बोर्ड ने सभी डीईओ को अध्यादेश जारी कर इस बार में जानकारी दे दी है। इन सबके अलावा स्कूल छोड़े जाने के प्रमाणपत्र में भी स्कूल छोडने की तारीख 31-5-2021 दिखानी रहेगी।