गुजरात : देश के कृषि विकास में कृषि युनिवर्सिटियों का योगदान महत्वपूर्ण : राज्यपाल

गुजरात : देश के कृषि विकास में कृषि युनिवर्सिटियों का योगदान महत्वपूर्ण : राज्यपाल

जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी के शिक्षण- संशोधन और विस्तरण सहित त्रिस्तरीय विकास कार्यों की राज्यपाल ने की समीक्षा

गुजरात के राज्यपाल आचार्य  देवव्रत ने जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी की उपलब्धियों और विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि कृषि समृद्ध तो गांव समृद्ध और देश भी समृद्ध होगा।देश के कृषि विकास में कृषि युनिवर्सिटियों का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश के कृषि विकास के लिए कृषि युनिवर्सिटियां नेतृत्व लें।
जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी द्वारा शिक्षण- संशोधन और विस्तरण क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्य की प्रकृति के नियम ही परिवर्तनशीलता है। विकास के लिए परिवर्तन आवश्यक है। कृषि यूनिवर्सिटियां किसानों को ज्यादा समृद्ध बना सकती हैं। कृषि खर्च को घटाया जा सके, जमीन की उत्पादकता में वृद्धि हो, पर्यावरण संरक्षित हो और टपक सिंचाई पद्धति का दायरा बढ़े इसके लिए परिवर्तन के साथ प्रयास करने होंगे। 
राज्यपाल ने पद्मश्री सुभाष पालेकरजी प्रेरित प्राकृतिक कृषि को रासायनिक कृषि का मजबूत विकल्प बतलाकर प्राकृतिक कृषि को हर खेत तक पहुंचाने का अनुरोध किया। कृषि युनिवर्सिटियों के योगदान से ही भारत खाद्यान्न क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने रासायनिक कृषि के जहरमुक्त कृषि क्षेत्र की हिमायत करते हुए प्राकृतिक कृषि को आज के समय की मांग करार दिया। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने के संकल्प को साकार करने के लिए उत्पादन घटे नहीं परंतु कृषि खर्च में महत्तम कमी आए, भूमि का स्वास्थ्य सुधरे, पर्यावरण और जल का संरक्षण हो, इस प्रकार के प्रयास करने पर राज्यपाल ने बल देते हुए प्राकृतिक कृषि को इसके लिए सक्षम विकल्प बतलाया। 
इस समीक्षा बैठक में जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. वीपी चोवटिया ने युनिवर्सिटी की विकास गाथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी ने कृषि विज्ञान शिक्षण, संशोधन एवं विस्तरण सहित त्रिस्तरीय विकास प्राप्त किया है। युनिवर्सिटी के 31 संशोधन केन्द्र, कृषि विकास केन्द्रों सहित छह कॉलेज और 6 पॉलिटेक्नीक कॉलेज कार्यरत हैं। 
जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी ने वर्ष 2021-22 में संशोधन में संशोधन द्वारा मूंगफली, चना और बाजरा सहित प्रत्येक फसल की दो-दो वेरायटी और कपास की एक वेरायटी पेश की है। पिछले पांच वर्ष में युनिवर्सिटी ने 400 से ज्यादा टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सिफारिशें की हैं और 8 पेटेंट भी हासिल किए हैं। 
जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी ने संस्थागत विकास योजना के अंतर्गत वर्ल्ड क्लास आर्टिफिश्यल इंटेलिजंस लैब की स्थापना की है और अखिल भारतीय रैंकिंग में लगातार दो बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कुलपति चोवटिया ने कहा कि गुजरात स्टेट इंस्टिट्युशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2021-22 में जूनागढ़ कृषि युनिवर्सिटी में कृषि शिक्षण, संशोधन एवं विस्तरण एप त्रिस्तरीय विकास कार्यों की जानकारी भी दी। 
इस विकास चिंतन में आणंद कृषि युनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. केवी. कथीरिया, दांतीवाडा कृषि युनिवर्सिटी के कुलपति आरएम. चौहाण, कृषि युनिवर्सिटी, नवसारी के कुलपति डॉ. जीणाभाई पटेल, कामधेनु कृषि युनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एनएच. केलावाला ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। 
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