विदेशी निवेश (FDI) मामले में गुजरात पहले नंबर से खिसक कर छठ्ठे नंबर पर पहुंचा

विदेशी निवेश (FDI) मामले में गुजरात पहले नंबर से खिसक कर छठ्ठे नंबर पर पहुंचा

डिपार्टमेंट फोर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के रिपोर्ट से खुलासा

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की पिछली सूची में शीर्ष पर रहने वाले गुजरात को इस सूची में बहुत ज्यादा ही नुकसान देखने को मिला है। डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ( DPIIT ) की ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने वाले राज्यों की सूची में गुजरात अब छठे स्थान पर आ गया है. वहीं इस मामले में गुजरात से पहले कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और हरियाणा है।
आंकड़ों के अनुसार देखने जाए तो, वर्ष 2021-22 में एफडीआई के मामले में कर्नाटक 1,62,830 करोड़ रुपए के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद 1,14,964 करोड़ रुपए के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। 60,000 करोड़ रुपए के साथ दिल्ली तीसरे, 22,396 करोड़ रुपए के साथ तमिलनाडु चौथे और हरियाणा 20,971 करोड़ रुपए के साथ पांचवें स्थान पर रहा। वहीं गुजरात की बात करें तो बीते वित्त वर्ष 2021-22 में गुजरात केवल 20,169 करोड़ रुपए विदेशी निवेश आकर्षित कर पाया। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि 2021-22 और आगामी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव के बावजूद निवेशक गुजरात को स्थिर नीतियों वाले राज्य के रूप में देखते हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के द्वारा संचालित डीपीआईआईटी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेश को आकर्षित करने में गुजरात के प्रदर्शन में आठ गुना गिरावट आई है।
बीते साल के आंकड़ों से तुलना करें तो मात्र गुजरात और महाराष्ट्र ही वो दो राज्य है जिनकी एफडीआई इनफ्लो में गिरावट आई है। बाकी अन्य सभी राज्यों में कर्नाटक में 187 फीसदी, दिल्ली में 50 फीसदी, तमिलनाडु में 30 फीसदी और हरियाणा में 67 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि गुजरात में बहुत सारा निवेश घरेलू होने के कारण इस क्षेत्र में गुजरात बहुत अच्छा कर रहा है, एफडीआई पर इसकी निर्भरता अपेक्षाकृत कम है। यह मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए बहुत आकर्षक राज्य नहीं रहा।
बीते वित्त वर्ष (2021-22) में टोटल फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट में 2 फीसदी का उछाल आया। DPIIT के मुताबिक बीते वित्त वर्ष कुल 84 अरब डॉलर का निवेश आया। इस दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्रवाहएक फीसदी घटकर 58.77 अरब डॉलर रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 59.63 अरब डॉलर था।
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