गुजरात : राज्य के दुग्ध उत्पादकों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय

गुजरात  :  राज्य के दुग्ध उत्पादकों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय

जीसीएमएमएफ को स्किम्ड मिल्क पाउडर के निर्यात के लिए प्रति किग्रा 50 रुपए की सहायता देगी राज्य सरकार

मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी ने गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) को स्किम्ड मिल्क पाउडर के निर्यात के लिए दी जाने वाली राज्य सरकार की निर्यात सहायता में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री के समक्ष गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ की ओर से इस संदर्भ में किए गए निवेदन पर अनुकूल प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने अब फ्रेट ऑन बोर्ड (एफओबी) प्रति किग्रा 180 रुपए के बजाय 200 रुपए देने का निर्णय किया है। 
उल्लेखनीय है कि राज्य के पशुपालकों के व्यापक हित में राज्य सरकार स्किम्ड मिल्क पाउडर के निर्यात में दूध संघों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए इस तरह की निर्यात सहायता मंजूर करती है। इस प्रावधान के अनुसार स्किम्ड मिल्क पाउडर का निर्यात करने पर प्रति किग्रा अधिकतम 50 रुपए की निर्यात सहायता 6 महीने की अवधि के लिए 150 करोड़ रुपए की सीमा में मंजूर की गई थी। 
राज्य के दूध संघों ने इस वर्ष मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी के समक्ष फ्रेट ऑन बोर्ड प्रति किलो 180 से बढ़ाकर 200 रुपए करने तथा योजना की अवधि को भी बढ़ाने का निवेदन किया था। 
जिसके अनुसार मुख्यमंत्री ने 1 जुलाई, 2021 से 31  दिसंबर, 2021 तक छह महीने के लिए 50 रुपए प्रति किलो की सहायता मंजूर की है। यही नहीं, एफओबी- परिवहन खर्च के साथ मूल्य 200 रुपए के हिसाब से देने का निर्णय किया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्किम्ड मिल्क पाउडर की एफओबी की दर में बढ़ोतरी होने की स्थिति में इस बढ़ोतरी के बराबर निर्यात सहायता की राशि कम हो जाएगी। जैसे कि यदि एफओबी की दर 200 रुपए से बढ़कर 210 रुपए होती है, तो निर्यात सहायता 50 रुपए से कम होकर 40 रुपए हो जाएगी। यदि एफओबी की दर में कमी होती है तो भी निर्यात सहायता यथावत यानी 50 रुपए प्रति किग्रा ही रहेगी। यह पूरी योजना 150 करोड़ रुपए की वित्तीय सीमा के भीतर मंजूर करने का निर्णय भी उन्होंने किया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के चलते पशुपालक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्किम्ड मिल्क पाउडर की कीमत में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकेंगे और उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी। 
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