गुजरात : प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर गुजरात, आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त होगा : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल

गुजरात : प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर गुजरात, आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त होगा : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल

जल संचय के प्रति उदासीन न रहें, आइए हर मॉनसून के पहले तालाब को गहरा करने का प्रण करें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि जल संचय के प्रति उदासीन न रहते हुए हर वर्ष मॉनसून के पहले तालाब को गहरा करने तथा साफ करने का प्रण लें। धरती माता को रासायनिक मुक्त बनाकर प्राकृतिक खेती की ओर मुडे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में रविवार को गुजरात के जूनागढ स्थित गांठीलाउमिया माता मंदिर का 14 वां महापाटोत्सव भक्तिभावपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्ररेंस के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में उमिया धाम गांठीला का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित हुआ था, जिसमें मुझे उपस्थित रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। यह पावनधाम आज श्रद्धा के केंद्र के साथ-साथ सामाजिक चेतना का केंद्र तथा पर्यटन के लिए महत्त्व का स्थान बन रहा है। माँ उमिया के आशिर्वाद से 14 वर्ष की अवधि में विभिन्न कार्यों का दायरा बढ़ा है। इसके लिए उन्होंने श्री उमिया माताजी मंदिर ट्रस्ट गांठीला के ट्रस्टीगण, भक्तगणों को बधाई दी।  
उमिया धाम गांठीला में माँ उमिया के 14 वें महापाटोत्सव
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उमिया माता के भक्त है। धरती भी हमारी माता है। हमें धरती माता को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना होगा। उन्होंने उमियाधाम गांठीला के इस धार्मिक आस्था केंद्र को सामाजिक चेतना का केंद्र बनाने के लिए अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने गुजरात में भूतकाल में पड़े सूखे का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में जल संचय, चेकडैम, पर ड्रॉप-मोर ड्रॉप, सबकी योजना तथा जन आंदोलन से जागृति लाकर हर मॉनसून के पहले तालाब को गहरा करने का प्रण करें। इससे पानी का संग्रह होगा तथा पानी धरती में उतरेगा। गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री भी प्राकृतिक खेती को समर्पित है। ऐसे में हम सभी भी प्राकृतिक खेती करने के लिए आगे आएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है। सभी जिले में 75 अमृत तालाब बनाएँ। अगस्त 2023 के पहले तालाब निर्माण के कार्यों को पूरा करना है। वर्ष 2047 में जब देश को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे होंगे तब हमारे गाँव, समाज, देश के लिए कुछ करने का संतोष प्राप्त कर सकेंगे। इसके उपरांत जो तालाब है उसे गहरा, बड़ा बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि उमिया माता के भक्त जो कार्य हाथ में लेते है, वह उसे अवश्य पूरा करते है। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे बच्चे कुपोषित हो वह किसी भी प्रकार से नहीं चलेगा। बालक स्वस्थ होगा तभी समाज, देश सशक्त बनेगा। उन्होंने उमाधाम द्वारा बाल तंदुरस्ती प्रतियोगिता आयोजित करने तथा स्वस्थ बच्चों को उत्साहित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि माँ उमिया का पाटोत्सव धर्मोत्सव नारी शक्ति के सामर्थ्य को उजागर करने का अवसर है। यहां आयोजित स्वास्थ्य उन्मुख, समाज उन्मुख सेवा कार्य समाज को नई दिशा देते है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उपस्थित भारी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि 75वाँ  ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ का पर्व सुराज्य तथा राम राज्य के अनुभव की ओर ले जा रहा है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धा, सेवा तथा समर्पण ही पाटीदारों की पहचान है। हम किसी भी भीषण परिस्थिति में भी रास्ता निकालने में सक्षम है। उन्होंने धरती माता को फर्टिलाइजर मुक्त बनाने के साथ ‘बैक टू बेजिक’ का आह्वान भी किया। हम प्रण करें कि अब से प्राकृतिक खेती ही अपनाएँगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि माँ उमिया धाम महापाटोत्सव यह सिर्फ धर्मोत्सव नहीं है, मातृ संस्था को उजागर करने का अवसर है। श्रद्धा, सेवा तथा समर्पण को समर्पित माँ उमिया के भक्त ऐसे पाटीदार अर्थात् पानीदार गुजरात। विश्वभर में पाटीदारों की एक अलग पहचान है। कहीं भी पीछे न हटने वाले, कभी भी विकट परिस्थिति में बिना परेशानी के कार्य संपन्न करने वाले, पथ्थर में से पानी निकालने वाले मेहनती लोग अर्थात् पाटीदार। आज पाटीदार समग्र विश्व में फैल चुके है, किन्तु मातृभूमि का ऋण चुकाना कभी नहीं भूलते। उनके सेवाकीय कार्य सभी समाज का सहारा बनी है।
मुख्यमंत्री ने इस पावन पर्व पर मातृभूमि का ऋण अदा करने के लिए उपस्थित सभी पाटीदारों से विनती करते हुए कहा कि धरती माता का ऋण भी धरती के लाल पाटीदारों को अदा करना है। हम लोग अभी तक रासायनिक खाद का उपयोग करके हुए खेती करते थे, इससे धरती माता को नुकसान पहुँचा है। ऐसे भोजन के कारण हमारा स्वास्थ्य बिगड़ा है और केमिकल फर्टिलाइजर से धरती माता का भी स्वास्थ्य बिगड़ा है। ऐसे में हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब धरती माता का स्वास्थ्य सुधारने तथा मानव जीवन को स्वास्थ्यवर्धक बनाने ‘बैक टू बेजिक’ का आह्वान किया है, जिसे हम सभी को सार्थक करना है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उमिया माता के सानिध्य में पधारे सभी पाटीदार परिवार भी आज प्रण करें कि अब से प्राकृतिक खेती ही अपनाएँगे। प्राकृतिक खेती गाय आधारित कर हमारी आने वाली पीढ़ी को भी स्वस्थ जीवन प्रदान करेंगे। यह प्राकृतिक खेती आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी यह निश्चित है। आत्मनिर्भर खेती से आत्मनिर्भर गुजरात, आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य पुरा हो पाएगा।
केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रुपाला ने अपनी अनोखी शैली में कहा कि विश्व अभी भी महामारी से जुझ रहा है, जबकि हमने 125 करोड़ डोज़ देकर कोरोना को थका दिया है। प्रधानमंत्री ने सदैव समाज से जुड़े प्रश्नो, मुद्दों का सभी के सहयोग से निराकरण किया है।  उन्होंने समाज को प्रभावित करने वाले प्रश्न कुपोषण, स्वच्छता सहित के मुद्दों की चर्चा करते हुए उसमें सहयोगी बनने के लिए अनुरोध किया।
उमाधाम गथिया में उपस्थित भारी भीड़ को संबोधित करते हुए जूनागढ जिला प्रभारी तथा पर्यटन मंत्री अरविंद रैयाणी ने कहा कि पाटीदार समाज सामाजिक चेतना को उजागर करने में लगातार आगे है। हमें सबको साथ लेकर चलना है, इससे हम हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री का ‘सबका साथ-सबका विकास’ का सूत्र सार्थक करेंगे।
महापाटोत्सव में सांसद मोहन कुंडारिया, राजेश चुडासमा, विधायणगण ललित कगथरा, चिराग कालरिया, हर्षद रीबडिया, भीखा जोषी, ऊंझा उमाधाम मंदिर के अध्यक्ष बाबू पटेल, उमाधाम गांठीला के अध्यक्ष वालजी फळदू, पटेल समाज के अग्रणी गटोर पटेल, गोविंद वरमोरा, आर. सी. पटेल, मनीष चांगेला सहित दातागण, उद्योगपति, पाटीदार समाज के अग्रणी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रांरभ में पूर्व विधायक अरविंद लाडाणी ने स्वागत प्रवचन किया। अग्रणी निलेष धुलेशिया ने उमाधाम गांठीला के विकास के साथ सामाजिक कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर दाताओं का सम्मान, स्वास्थ्य उन्मुख केम्प, 51 कुंडी हवन आयोजित हुआ। इस अवसर पर उमाधाम फेज़-2 के निर्माण के लिए पाटीदार समाज के दाताओं द्वारा 1.13 करोड़ रुपए के दान की घोषणा भी की गई।
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