गुजरात : स्कूल खुले ही थे कि कोरोना के नये वेरियेन्ट ने अभिभावकों की उड़ाई नींद

गुजरात : स्कूल खुले ही थे कि कोरोना के नये वेरियेन्ट ने अभिभावकों की उड़ाई नींद

कोरोना के नए प्रकार, ठंड और शादियों के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या में कमी

भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमाइक्रोन के आने के साथ ही लोगों में डर का माहौल है। साथ ही गुजरात में भी इस नए वेरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। इन खबरों के बाद राज्य में भी लोगों में खौफ फैल गया है। नए वेरिएंट के डर से कारण राजकोट के स्कूलों में बच्चों की संख्या में गिरावट आई है। सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या में 4 से 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। 
आपको बता दें कि ओमाइक्रोन के साथ साथ बिन मौसम बरसात के कारण बढ़ी हुई  ठंड के कारण भी छात्रों की संख्या में कमी नजर आई है। कुछ माता-पिता कोरोना के नए खतरे को देखते हुए अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। अभिभावक छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। जहां स्कूल बमुश्किल शुरू ही हुए हैं, वहां अभिभावकों को ओमक्रोन का डर सता रहा है।
आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में मात्र 35 प्रतिशत छात्र स्कूल जाते हैं। इस पर भी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की संख्या में कमी आई है। वर्तमान में 6वीं से 12वीं कक्षा तक 70% उपस्थिति है। ओमिक्रॉन, ठंड के मौसम और शादियों के मौसम के कारण बच्चों की संख्या में कमी आई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि संख्या में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में बच्चों की संख्या कम है। हालांकि शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों से कहा कि सुरक्षा जरूरी है लेकिन डरने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने भी नए सत्र से कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल शुरू करने की मंजूरी दे दी है। कोरोना के मामले कम होने लगे तो लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका के ओमिक्रॉन संस्करण ने एक बार फिर माता-पिता को डरा दिया है और कुछ माता-पिता अपने बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं।