गुजरात का आम व्यक्ति विकल्पहीन हो गया था, उसे लगता था कि गुजरात की राजनीति में विकल्प ही नहीं बचा है, क्योंकि भाजपा-कांग्रेस तो एक ही है।
— AAP (@AamAadmiParty) June 14, 2021
आज उन्हें एक सार्थक विकल्प मिला है- CM @ArvindKejriwal#હવે_બદલાશે_ગુજરાત pic.twitter.com/V9mzX35srz
गुजरात : अपने सफल करियर को अलविदा कह पत्रकार इसुदान गढ़वी का AAP में शामिल होना बड़ा त्याग : अरविंद केजरीवाल
By Loktej
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आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को एक दिन के गुजरात के दौरे पर हैं। उनके गुजरात दौरे का मुख्य उद्देश्य रहा प्रदेश के लोकप्रिय पत्रकार इसुदान गढ़वी को आम आदमी पार्टी में शामिल कराना।
अहमदाबाद पहुंच कर सीधे सर्किट हाऊस पहुंचे अरविंद केजरीवाला ने इसुदान गढ़वी से मुलाकात की, जिस दौरान आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद एक पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया जिसमें इसुदान गढ़वी का औपचारिक रूप से आप में स्वागत किया गया।
आप में इसुदान गढ़वी को शामिल करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी व्यक्ति का करियर समाप्त हो जाए और इसके पास अन्य कोई विकल्प नहीं हो और ऐसे समय व्यक्ति राजनीति में प्रवेश करता है, तो समझ में आता है। लेकिन इसुदान गढ़वी जैसा व्यक्ति-पत्रकार अपने करियर के चरम पर हो और उसकी लोक-चाहना भी अपने चरम पर हो, ऐसे समय पर यदि व्यक्ति अपने पद और करियर को ठोकर मारकर जन सेवा की भावना के साथ राजनीति में प्रवेश करता है, तो ऐसा करना किसी त्याग से कम नहीं है। इसुदान गढ़वी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने सफल करियर को छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामने का निर्णय किया है, इसके लिये वे उनके आभारी हैं।
केजरीवाल ने कहा कि आज परिस्थिति ऐसी बन पड़ी है कि सिस्टम से बाहर रहकर लोक सेवा का काम एक सीमित मार्यादा में रहकर ही किया जा सकता है। सिस्टम से बाहर रहकर व्यक्ति अन्याय कि खिलाफ आवाज उठा सकता है, बहस कर सकता है, विरोध प्रदर्शन और आंदोलन कर सकता है, लेकिन सही मायनो में उसे परिणाम दायी काम करना है तो सिस्टम का हिस्सा बनना अनिवार्य है। इसुदान गढ़वी का राजनीति में कदम रखने का निर्णय इसी सोच की परिणती है।
केजरीवाल ने कहा कि गुजराज में भाजपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। लोगों के पास विकल्प का अभाव था। लेकिन अब आम आदमी पार्टी के रूप में ठोस विकल्प मिल गया है। अब गुजरात बदलेगा।