अब इंटरनेशनल होने जा रहा गुजरात का गरबा; यूनेस्को के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में मिल सकता है स्थान

अब इंटरनेशनल होने जा रहा गुजरात का गरबा; यूनेस्को के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में मिल सकता है स्थान

गुजरात अपने गरबे के लिए विश्व भर में मशहूर है। गरबा गुजरातियों की एक दूसरी पहचान के समान ही है। ऐसे में सभी गुजरातियों के लिए एक आनंद के समाचार है। यूनाइटेड नेशंस एज्यूकेशनल, सायंटिफिक एंड कल्चरल ओर्गेनाइजेशन (युनेस्को) द्वारा गरबा को आने वाले समय में ईंटेंजिबल कल्चरल हेरिटेज ऑफ ह्यूमेनिटी (आईसीएच) का टेग मिलने की शक्यता अब और भी अधिक उज्ज्वल बनी है।
सूत्रों के अनुसार, भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक ड़ोजियर बनाया जा रहा है, जो इस महीने के अंत तक यूनेस्को को वापिस दिया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारी पिछले सप्ताह वडोदरा आए थे, जहां से टीम ने इस बारे में अधिक बातचीत की थी। प्रोजेक्ट में काम कर रहे एक सूत्र ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि दिल्ली से आई टीम तीन दिनों तक वडोदरा रही थी। जिस दौरान यूनेस्को का संपर्क करना, ड़ोजियर तैयार करने की कार्यवाही की रूपरेखा के लिए विभिन्न शिक्षकों, संशोधकों और विद्वानों के साथ लंबी चर्चा की थी। बता दें कि 15 दिसंबर 2021 को यूनेस्को ने कोलकाता के दुर्गापूजा के उत्सव को आईसीएचका दर्जा दिया था। यह दर्जा हासिल करने वाला यह एशिया का पहल त्यौहार था। ऐसे में अब गरबा का भी यूनेस्को में समावेश किए जाए इस बारे में अधिक प्रयास किए जा रहे है।