गुजरात: कोरोना होने पर अस्पताल के बदले तांत्रिक के पास पहुंचा ये शख्स, हुई कोरोना से मौत

गुजरात: कोरोना होने पर अस्पताल के बदले तांत्रिक के पास पहुंचा ये शख्स, हुई कोरोना से मौत

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं तस्वीर और वीडियो, मामले की होगी जाँच

गुजरात में अब कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है। हालांकि, कोरोना महामारी के बीच अंधविश्वास के मामले भी सामने आए हैं। कोरोना को होने से रोकने के लिए कुछ लोगों के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के मामले भी सामने आए हैं। जबकि कुछ घोटालेबाजों द्वारा मोटे धागे बांटकर लोगों को ठगने के मामले भी सामने आए हैं। एक बार फिर बनासकांठा जिले में अंधविश्वास का एक मामला सामने आया है जहाँ कोरोना संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में इलाज कराने के बजाय, अनुष्ठान करता रहा और अंततः ऑक्सीजन का स्तर कम होने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। मरीज की मौत के बाद फकिर द्वारा मरीज पर पैर रखकर रस्म अदा करने की तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक कच्छ के अदेसर गांव में भवन प्रजापति नाम का शख्स अपने परिवार के साथ रह रहा था। भवन प्रजापति को एक माह पहले कोरोना हो गया था और वह अपने भाई के घर डीसा में कोरोना का इलाज कराने आया था। उस समय डीसा के सभी कोविड अस्पताल भरे हुए थे इसलिए भवन को अस्पताल का बिस्तर नहीं मिला। इसलिए वह अपने भाई के पास चला गया जो पालनपुर में रहता था।
इसके बाद अस्पताल में जगह पाने में असमर्थ, भवन प्रजापति ने अपने एक गुरु से इलाज कराने का फैसला किया और अस्पताल जाने के बजाय, आश्रम में अनुष्ठान किया। वहां बाबा ने भवन प्रजापति को जमीन पर लिटा दिया और एक पैर कोरोना से पीड़ित रोगी के पेट पर रखा और आशीर्वाद की मुद्रा में मंत्रों का जाप किया और फिर भवन प्रजापति को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। इसके बाद भवन प्रजापति को कोरोना होने पर भी अस्पताल नहीं गए और अंततः उनके शरीर में संक्रमण बढ़ने लगा और कुछ ही दिनों में उनके शरीर का ऑक्सीजन स्तर गिर गया और खराब स्वास्थ्य के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
आपको बता दें कि यह घटना 20 दिन पहले की बताई जा रही है। फिलहाल मृतक के परिजन इस मामले में कुछ भी कहने से कटरा रहे हैं। दूसरी ओर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और अगर कुछ गलत सामने आया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में भी लोग अभी भी अंधविश्वास में विश्वास करते हैं और बीमार होने पर अस्पताल जाने के बजाय तांत्रिक के पास जाकर अनुष्ठान करते हैं।
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