गुजरात : कई कांग्रेेसी दिग्गजों ने सगे-संबंधियों को दिलाये टिकट, लेकिन जीता नहीं पाए!

गुजरात : कई कांग्रेेसी दिग्गजों ने सगे-संबंधियों को दिलाये टिकट, लेकिन जीता नहीं पाए!

टिकटों के बंटवारे में भाई-भतीजावाद से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में नाराजगी, नेताओं में अपनों को भी जीताने की कुवत नहीं

कोंग्रेस पार्टी के लिए मंथन का समय
पिछले दिनों गुजरात में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में लोगों ने कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है, ऐसा माना जा सकता है। हाल में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस के 8 विधायकों ने अपने परिवार जनों को टिकट दिलाये थे, वे भी हार गए। जिसमें कि डॉक्टर अनिल जोशियारा के बेटे केवल जोशियारा को भिलोड़ा पंचायत से टिकट मिला था जिसमें वह हार गए। विधायक परेश वंश के बेटे को जिला पंचायत की बैठक से टिकट दिया गया था, वह भी वह हार गए।
दिग्ग्ज विधायक भी लोगों को समझने में गच्चा खा गये
विधायक विक्रम माडम के पुत्र करण माडम को जिला पंचायत चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। विधायक रंजन पटेल दो बैठकों पर चुनाव लड़े थे, दोनों बैठकों पर उनकी हार हुई है। साथ ही उनके बेटे भी हार गए। कांग्रेस के विधायक और विधानसभा के दंडक अश्विन कोटियाल के बेटे नगर पालिका का चुनाव हार गए। इसके अलावा विधायक के भतीजे और भतीजे के पत्नी भी नहीं जीत सकी। विधायक भीखाभाई जोशी की बहु को भी हार का सामना करना पड़ा। 
कांग्रेस के कार्यकर्ता नाराज 
विधायक पूनम परमार के बेटे पीडी वसावा के बेटी भी हार गई। इस तरह स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को नकार दिया है। कई नेताओं ने दबंगई से चुनाव का टिकट हासिल कर लिया। इस कारण कांग्रेस के कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करना ही बंद कर दिया। इस कारण भी कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। प्रदेश प्रमुख भरत सिंह सोलंकी के पूर्व ड्राइवर को नगर पालिका चुनाव का टिकट मिला था उन्हें भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि दिग्गजों ने अपनी राजनीतिक पैठ के सहारो अपने सगे-संबंधियों को टिकट तो दिलवा दिये लेकिन उन्हें जीताने में नाकाम रहे। ये ऐसे दिग्गज नेताओं की जनता में कम होती पैंठ का द्योतक है।

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