गुजरात : ग्रीष्म काल में पानी की तलाश में गिर के जंगलों से बाहर आ जाते थे शेर; अब नहीं आएंगे, जानिए क्यों

गुजरात : ग्रीष्म काल में पानी की तलाश में गिर के जंगलों से बाहर आ जाते थे शेर; अब नहीं आएंगे, जानिए क्यों

गर्मी में पानी कि कमी होने पर मनुष्य तो कहीं से भी अपने लिए पानी कि व्यवस्था कर लेता है। हालांकि जंगल में बसने वाले जंगली जानवर पानी के लिए कहीं नहीं जा पाते। ऐसे में वह गांवों की और रुख करते है। जिसके चलते कई बार गांवों में शेर, तेंदुए तथा अन्य जंगली जानवरों के घुसने की खबरें आती ही रहती है। हालांकि वन विभाग द्वारा जानवरों के लिए खास व्यवस्था की गई है। जिसके चलते अब जंगली जानवरों को जंगल से बाहर नहीं आना पड़ेगा। 
उल्लेखनीय है कि गर्मी की सीजन शुरू होते ही गिर और जूनागढ़ के जंगल पानी की कमी के कारण सुख जाते है। यहीं कारण है कि जंगली जानवरों के लिए पीने के पानी की भी समस्या सर्जित होती है। ऐसे में यह जानवर गाँव की और आकर्षित होते है। हालांकि अब से जंगल के जानवर जंगल की और ही रहे इस लिए वन-विभाग ने जंगल इलाकों में विभिन्न पॉइंट बनाकर उनके लिए पानी के कुंड बनाए गए है। जिससे की जानवरों को आसानी से पानी मिल सके।
एशियाई सिंहों के घर माने जाने वाले गिर में, जहां सिंहों को देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक आते है। वहाँ पानी के कुंड की इस योजना के कारण पर्यटकों को भी सिंह देखने मिल रहे है। कई इलाकों में तो टेनकर द्वारा पानी के कुंड भरे जाते है तो कई इलाकों में विंड पावर की मदद से पानी भरा जाता है। गर्मी के कारण पूरे दिन तो जानवर कोई छाँव वाली जगह ढूंढकर वहाँ बैठे रहते है और रात को ही खाने और पानी के लिए निकलते है। पर वन विभाग के इस कार्य से दिन के दौरान भी जंगली जानवरों को पानी मिलता है, जिससे की वह जंगल की और कम आते है और गाँव वालों पर हमले की घटना भी कम आती है।