गुजरात : दो दिनों में एंटी करप्शन ब्रांच ने तीन सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ पकड़ा

गुजरात : दो दिनों में एंटी करप्शन ब्रांच ने तीन सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ पकड़ा

गुजरात में पिछले कई दिनों से एसीबी की टीम कई दिनों से रिश्वतखोर अधिकारियों पर नजर गड़ाए बैठी है। आए दिन रिश्वत की विभिन्न सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत लिए जाने की शिकायत सामने आने के बाद एसीबी की टीम ने विभिन्न शिकायतों के आधार पर रिश्वत लेने वाले अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ा था। 
पिछले कई दोन से अहमदाबाद में सड़क पर मवेशी सड़क पर बैठे रहते है। ऐसे में तंत्र द्वारा मवेशियों को तो पकड़ लिया जाता है पर उनके मालिकों को हिरासत में नहीं लिया जाता। तंत्र द्वारा गठित सीएनसीडी डिपार्टमेन्ट कोई काम नहीं कर रहे होने की आवाज उठ रही है। मवेशियों को पकड़ने के स्थान पर मात्र कागज पर दिखा कर मवेशियों के मालिकों से हर महीने 10 हजार की रिश्वत लिया जाता था। 
यदि कोई भी रिश्वत देने से मना करता तो उनके खिलाफ एक्शन लिए जाते थे। मवेशियों को ना पकड़ने के लिए पीआई कुरेशी ने उनके मालिकों से हफ्ते भी करवा लिए थे। ऐसे में पिछली शाम एसीबी द्वारा पीआई कुरेशी को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया था। जहां एयरपोर्ट सर्कल पर एसीबी की टीम ने कुरेशी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़ा था। बता दे की इसके पहले भी कुरेशी कई बार विवादों में फंस चुके है और एक बार तो दुष्कर्म के केस में जेल की हवा भी खा चुके है। 
गिर सोमनाथ जिले के सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार की व्यापक चर्चा के बीच एसीबी ने लंबे समय बाद कार्रवाई की है. पिछले एक साल से सूत्रपाड़ा में काम कर रहे तालुका विकास अधिकारी अमृत परमार ने तालुका के लोधवा ग्राम पंचायत में कार्यरत पीपलवा सहकारी समिति के प्रबंधक से पांच लाख रुपये का बिल पास करने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। जिस मामले में मंडली के व्यवस्थापक ने एसीबी से शिकायत भी की।
सूचना की पुष्टि के बाद जिला एसीबी के कर्मचारियों ने जाल बिछाया। जिसके अनुसार, पीपलवा सहकारी समिति का एक प्रतिनिधि कल दोपहर तालुका कार्यालय में 5,000 रुपये रिश्वत देने के लिए गया था। जब वह टीडीओ अमृत परमार को रिश्वत दे रहे थे तभी एसीबी स्टाफ वहां पहुंच गया और अधिकारी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़ लिया। जिससे कार्यालय में हड़कंप मच गया। पता चला है कि एसीबी ने बयान दर्ज कर मामले में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
देवभूमि द्वारका जिले के द्वारका में एक प्रांतीय अधिकारी के रूप में ड्यूटी पर तैनात निहार भटेरिया को एसीबी ने 3,00,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। गांधीनगर एसीबी की एक टीम ने जाल बिछाया और एक प्रांतीय अधिकारी से फसल सुरक्षा के लिए एक हथियार के लाइसेंस के लिए 3,00,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।
देवभूमि द्वारका के कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर निहार बुधभाई भटेरिया ने एक व्यक्ति को फसल सुरक्षा हथियार लाइसेंस जारी करने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी. हालांकि, वह व्यक्ति इतनी बड़ी राशि का भुगतान नहीं कर सकता था और इसके चलते उसने गांधीनगर एसीबी से शिकायत की। जिसके आधार पर गांधीनगर एसीबी की टीम ने जाल बिछाया। जिसमें द्वारका के डिप्टी कलेक्टर भटेरिया को 3,00,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। एसीबी की टीम ने अधिकारी को गिरफ्तार कर उसके घर पर तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा उनके बैंक खाते समेत पैसे दिलाने के लिए कोर्ट के समक्ष रिमांड पर लेने का प्रस्ताव किया गया है।
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