गुजरात : तौकते तूफ़ान में गई बिजली, अभी तक नहीं हुई बहाल, डेढ़ महीने से अँधेरे में है इस गाँव के लोग

गुजरात : तौकते तूफ़ान में गई बिजली, अभी तक नहीं हुई बहाल, डेढ़ महीने से अँधेरे में है इस गाँव के लोग

अमरेली जिले में शियाल बट के छः हजार लोग बिजली का इंतजार कर रहे है

कुछ दिन पहले ही देश दो बड़े तूफ़ान का शिकार बना था। जिसमें से अरब सागर से उठे तूफान ‘तोकते’ ने गुजरात, महाराष्ट्र और केरल में भारी कहर बरपाया था। इस तूफान ने कई लोगों की जान ले ली और हजारों बेघर हो गए। इस तूफान को गुजरे एक महीने से अधिक हो चुका है लेकिन अभी भी कई जगहों पर लोग इसके प्रभाव से बाहर नहीं निकल पाए हैं। गुजरात के अमरेली जिले में शियाल बट का छोटा से द्वीप पर तूफान के दौरान बिजली बंद हो गई और अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। यहाँ के लोग अभी भी अंधेरे में ही रह रहे हैं।
आपको बता दें कि तौकते तूफान के सौराष्ट्र के तट से टकराने से कई घर और बिजली और संचार लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। डेढ़ महीने बाद भी अमरेली जिले के पिपावाव बंदरगाह से कुछ ही दूरी पर इस जगह के करीब 6,000 निवासी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं।
बीते 17 मई को तूफान के कारण इस जगह की बिजली आपूर्ति को बाधित कर दिया गया था। चक्रवात से सबसे ज्यादा नुकसान अमरेली जिले को हुआ। अमरेली के 620 से अधिक गांवों को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार के स्वामित्व वाली PGVCL, सौराष्ट्र, कच्छ और उत्तरी गुजरात में बिजली सेवा प्रदान करती है। पीजीवीसीएल ने शेष सभी गांवों में बिजली बहाल कर दी है लेकिन शियार बैट द्वीप पर रहने वाले 6,000 से अधिक लोग अभी भी अंधेरे में हैं।
शियाल बट ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच हमीर शियाल ने कहा कि बिजली नहीं होने से जीवन बहुत मुश्किल हो गया है। बिजली नहीं होने से पीने का पानी घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों के पास बैटरी और सोलर पैनल हैं लेकिन वे रात में मुश्किल से 2 घंटे काम करते हैं। फॉक्स बैट एक ऐसी जगह है जहां साल 2016 तक लोग बिना बिजली के रहते थे। वहां पहली बार 2016 में इस जगह का विद्युतीकरण किया गया था