गुजरात चुनाव परिणाम : आप का झाडू कांग्रेस पर ही चल गया, प्रदेश के इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन

गुजरात चुनाव परिणाम : आप का झाडू कांग्रेस पर ही चल गया, प्रदेश के इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन

कांग्रेस का 1990 के बाद से अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन

गुजरात में आज हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे में बीजेपी को बड़ी जीत तो मिली ही, साथ ही कई नए रिकॉर्ड भी बनाए। बीजेपी की जीत के साथ साथ इस बार कांग्रेस ने हार में इतिहास बनाया है। बीते 30 सालों में गुजरात में कांग्रेस का ये सबसे खराब प्रदर्शन है। कांग्रेस की हार के कुछ कारण भी सामने आए हैं। बीजेपी की जीत की बात करें तो मोदी मैजिक, नो रिपीट थ्योरी, हार्दिक पटेल-अल्पेश ठाकोर युवा चेहरे बीजेपी के काम आए हैं। इस तरफ कांग्रेस की हार ने लोगों से कांग्रेस का संपर्क खत्म कर दिया है, यह बात सामने आई है कि कांग्रेस ने घर-घर जाकर प्रचार किया, खाट सभा की लेकिन काम नहीं हुआ।

बीजेपी-कांग्रेस की टक्कर में कांग्रेस बहुत कमजोर


आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी-कांग्रेस और आप के बीच टक्कर थी। हालांकि इस बार यह बात सामने आई है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने गुजरात में कुछ खास तवज्जो नहीं दी। 2017 के चुनाव में, राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया और इस चुनाव में केवल 2 बार सभाएं कीं, यानी केवल दक्षिण गुजरात और राजकोट में।

कांग्रेस आलाकमान का फोकस केवल भारत जोड़ो यात्रा पर


दूसरी तरफ गुजरात में विधानसभा चुनाव थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान का पूरा फोकस काफी हद तक 'भारत जोड़ो यात्रा' पर था। भले ही गुजरात में चुनाव था, लेकिन राहुल गांधी ने दो बार ही गुजरात का दौरा किया।

 2017 में गुजरात ने 77 सीटें दी लेकिन कांग्रेस मजबूत विपक्ष नहीं बन पाई


खास बात यह है कि कांग्रेस को 2017 में गुजरात में 77 सीटें मिली थीं। हालांकि कांग्रेस कई मुद्दों पर विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम रही। उनकी हार का कारण इस तथ्य को माना जा सकता है कि 77 सीटें होने के बावजूद कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष नहीं बना सकी।

खराब संगठन और आंतरिक असंतोष प्रबल हुआ


गुजरात कांग्रेस पहले से ही अंदरूनी कलह के चलते चर्चा में है। विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे को लेकर भी कई तरह के आरोप लगे। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस की अंदरूनी कलह के चलते कई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया।

इन मुद्दों पर कमजोर निकली कांग्रेस


कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का मुद्दा प्रभावी ढंग से नहीं उठा सकी। यह बात भी सामने आई है कि जब सत्ता विरोधी लहर का मुद्दा उठा तो कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के अलावा कुछ नहीं किया। इसके साथ ही कांग्रेस के दौरे भी काम नहीं आए। साथ ही मोरबी पुल त्रासदी जैसे गंभीर मुद्दे पर भी कांग्रेस खामोश रही। इससे कांग्रेस एक बार धरना प्रदर्शन कर और फिर कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर संतुष्ट हो गई। साथ ही इस बात की भी चर्चा हो रही है कि कांग्रेस ने विधानसभा में वाकआउट के अलावा कुछ नहीं किया है और कांग्रेस कार्यालय में ट्रैफिक कम नजर आया है। इसके साथ ही वरिष्ठ नेता चुनावी रणनीति नहीं बना सके तो कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के लिए ओबीसी चेहरा घोषित करने की बात कही, जो विफल रही। इसके साथ ही कांग्रेस ने आप को वोट तोड़ने से रोकने के लिए कोई खास रणनीति नहीं बनाई।