गुजरात : नेत्रहीन छात्र बन गया CA, कड़ी मेहनत और लगन की प्रेरक कहानी

गुजरात : नेत्रहीन छात्र बन गया CA, कड़ी मेहनत और लगन की प्रेरक कहानी

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया द्वारा जनवरी महीने में ली गई CA की परीक्षा का परिणाम आ चुका है। जिसमें वडोदरा के 125 छात्रों में से 14 छात्रों ने CA की परीक्षा पास कर ली है। नए कोर्स के ग्रुप 1 में 42 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें एक छात्र पास हुआ था। जबकि ग्रुप 2 में 48 छात्रों में से 9 पास हुये है। इसके अलावा दोनों ग्रुप की परीक्षा देने वाले 35 छात्रों में से 1 छात्र ने दोनों ग्रुप और ग्रुप 2 में 3 छात्र पास हुए है। इस तरह 14 छात्र पास होने से कुल परिणाम 11.20 प्रतिशत रहा है। इन सभी में जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है, वो यह की इस बार एक अंध छात्र ने यह परीक्षा पास की है। 
माता और पिता की सहायता से की पढ़ाई 
800 में से 219 मार्क्स लेकर आने वाले दर्पण ईनानी ने अपने बारे में बताते हुये कहा की वह पहले से ही CA बनना चाहते थे। पर अंध होने के कारण उन्हें काफी तकलीफ़े आई थी। जिस चीज को सामान्य छात्र आधे घंटे में समज जाता था, उसे समझने के लिए लगभग दूना समय लगता था। उनके पिता रात को दुकान से रात के 9 से 12 बजे तक प्रेक्टिकल विषय समजाते थे। इसके अलावा सुबह भी 7 से 9:30 बजे तक वह मुझे पढ़ाते थे। कई बार मम्मी भी थियरी सब्जेक्ट्स पढ़ कर सुना देती थी। 
जितना चाहते है ग्रांडमास्टर का खिताब
इसके अलावा उन्हों ने अपने कम्प्युटर में एक ऐसा सॉफ्टवेर डाला है, जो बोलकर विषयों को सुनाता है। इस तरह वह रोज लगभग 10 से 11 घंटे पढ़ता था। इसके पहले वह तीन से चार बार फ़ेल हुये थे। पर उन्होंने हार नहीं मानी और आखिर में वह पास हो गए। दर्पण की कहानी सच में काफी प्रेरणादायक है। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है की यदि इंसान चाह ले तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है। बता दे की दर्पण इसके पहले भारत की तरफ से सबसे पहले वर्ल्ड चेस कोंपीटीशन में ब्रोञ्ज मेडल जीतने वाले पहले अंध खिलाड़ी भी रह चुके है। सीए बनने के बाद उनका सपना चेस की दुनिया में ग्रांडमास्टर का खिताब जितना है। 
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