गुजरात एटीएस को मिली बड़ी सफलता, कोलकत्ता पोर्ट से पकड़ी 200 करोड़ की ड्रग्स

कोलकाता बंदरगाह पर कबाड़ यार्ड के नीचे एक कंटेनर के निरीक्षण के दौरान मिला ड्रग्स

राजस्व खुफिया महानिदेशक (डीआरआई) और गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के संयुक्त अभियान में दुबई से एक कंटेनर में कोलकाता से छिपे 72 पैकेटों में से 39.5 किलोग्राम नशीला पाउडर मिला है। इस ड्रग्स की कीमत 197 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये ड्रग्स कोलकाता बंदरगाह पर कबाड़ यार्ड के नीचे एक कंटेनर के निरीक्षण के दौरान मिलीं। दुबई के जेबेल अली पोर्ट से आए इस कंटेनर में 9.3 टन हेवी मेटल स्क्रैप रखा गया था। संयुक्त ऑपरेशन में ये ड्रग्स कंटेनर के अंदर सामान की जांच के दौरान मिलीं।

ऑपरेशन 'गियर बॉक्स' में मिली सफलता


आपको बता दें कि गुजरात एटीएस और डीआरआई द्वारा चलाए गए 'गियर बॉक्स' कोड नाम के इस संयुक्त ऑपरेशन में गियर बॉक्स और धातु स्क्रैप की गहन जांच की गई। गियर बॉक्स खोलने पर 39.5 किलो पाउडर मिला। संदेह के आधार पर इस चूर्ण की जांच मादक पदार्थ के रूप में की जा रही है। इस कंटेनर को लेकर भी विस्तृत जानकारी व जांच की जा रही है। हेरोइन जैसा यह पाउडर एक पुराने और इस्तेमाल किए गए गियर बॉक्स के अंदर स्पेयर पार्ट्स के साथ छिपा हुआ था। स्पेयर को हटाने के बाद, इस पाउडर को प्लास्टिक की थैली में भर दिया गया और गियर बॉक्स को बंद कर दिया गया। इससे पहले संयुक्त अभियान में 395 किलोग्राम कपड़ा सूत में 75 किलोग्राम हेरोइन भी जब्त की गई थी।

दुबई की एसएससी जनरल ट्रेडिंग कंपनी ने भेजा ड्रग्स


इस बारे में डीजीपी आशीष भाटिया ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि ये ड्रग्स कबाड़ के डिब्बे में लाई गई थीं. जिसमें कुल 72 पेटियां थीं, जिनमें से कुछ नशीले पदार्थों को गियर बॉक्स के नट बॉक्स खोलकर अंदर से जब्त किया गया है. जिसमें से दूसरे गियर बॉक्स का नट बोल्ट खोला गया, इसकी जांच जारी है. डीजीपी ने और जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी सूचनाएं गुजरात को छोड़कर अन्य राज्यों में प्रसारित की जाती हैं. मौजूदा जांच में दुबई की एसएससी जनरल ट्रेडिंग कंपनी ने भेजा है।

आगे की जाँच जारी


आगे जानकारी दी गयी है कि जब्त की गई दवाओं को किस देश में भेजा जाना था, पैसे की आवाजाही और इसके पीछे कौन शामिल है, इसकी पूरी जानकारी हासिल की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि गुजरात पुलिस पहले भी सक्रिय रही है और आगे भी रहेगी. बहुत बड़ा ऑपरेशन करना है। अधिकारियों की जान भी खतरे में है। कई महीनों की कड़ी मशक्कत और खतरे के बाद ऑपरेशन सफल होता है। ड्रग्स का निर्माण ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से किया जाता है। गुजरात पास का राज्य है इसलिए और भेजे जा सकते हैं।