गुजरात : राजस्थान से मजदूरी करने आए दंपत्ति में हुई वापिस जाने को लेकर बहस तो पत्नी ने कुल्हाड़ी से उतार दिया पति को मौत के घाट

गुजरात : राजस्थान से मजदूरी करने आए दंपत्ति में हुई वापिस जाने को लेकर बहस तो पत्नी ने कुल्हाड़ी से उतार दिया पति को मौत के घाट

चोटिल पति को अस्पताल ले जाया गया, पर इलाज के दौरान हुई मौत

पति और पत्नी में होने वाले झगड़े काफी सामान्य है। हालांकि कई बार यह झगड़े काफी बढ़ जाते है और कुछ ऐसा हो जाता है, जिसकी किसी ने कभी कोई कल्पना भी नहीं की होती। ऐसा ही मामला सामने आया है गुजरात के सुरेन्द्रनगर से, जहां एक पत्नी ने पति के साथ हुये झगड़े के बाद पति को मौत के घाट उतार दिया। दरअसल दंपत्ति 20 दिन पहले ही मजदूरी के लिए राजस्थान से गुजरात आया था, इस बीच दोनों में राजस्थान जाने को लेकर बहस हुई। जिसके चलते पत्नी ने रात को सोते हुये अपने ही पति पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी जान ले ली। 
पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान के भीलवाडा जिले से आए 50 वर्षीय देवीसिंह अमरसिंह रावत को जामवाली गाँव में रहने वाले भूराभाई भरवाड के खदान में कोयला निकालने का कांट्रैक्ट मिला था। जिसके चलते उन्होंने अपनी पहचान के राजस्थान के प्रभुरामभाई को फोन किया था। प्रभुराम भाई अपनी पत्नी ममताबेन के साथ जामवाली गाँव में काम करने आए और भूराभाई की खदान के पास ही झोंपड़ा बांध कर रहने लगे। 
कुछ दिनों पहले ममताबेन को राजस्थान जाने की इच्छा हुई थी, जो की उन्होंने अपने पति को बताई। इसके चलते दोनों में काफी बहस भी होने लगी। जिसमें प्रभुरामभाई ने अपनी पत्नी की पिटाई भी कर दी और उसे मार देने की धमकी भी दी थी। इस बात से ममताबेन को काफी बुरा लग गया था। इसके चलते बीती 20 तारीख की रात को जब प्रभुरामभाई सो रहे थे, तभी ममताबेन ने कुल्हाड़ी से प्रभुरामभाई के सर और गले के हिस्से में कुल्हाड़ी का हमला कर दिया था। घायल प्रभुराम भाई को इलाज के लिए राजकोट अस्पताल ले जाया गया था, हालांकि इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। 
आरोपी ममताबेन
पूरे मामले ने ठेकेदार देवीसिंह राहत ने पुलिस स्टेशन में ममताबेन रावत के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। ज्सिके आधार पर पुलिस ने ममताबेन को हिरासत में लिया था। शिकायत में देवीसिंह ने कहा की दोनों के बीच आए दिन वापिस जाने को लेकर बहस हुआ करती थी। इस बीच उन्हें भी गाँव जाना था। जिसके चलते उन्होंने मजदूरी के पैसे 15 तारीख को ममताबेन को देकर गए थे।