जीएसटी : 25 और 26 जून को नागपुर में होगा व्यापारियों का सम्मेलन, हजारों संसोधन के बाद भी अभी भी समझ से परे

जीएसटी : 25 और 26 जून को नागपुर में होगा व्यापारियों का सम्मेलन, हजारों संसोधन के बाद भी अभी भी समझ से परे

एक बार फिर जीएसटी की दरों को युक्तिसंगत बनाने और जीएसटी के कानूनों और विनियमों की समीक्षा करने की मांग की गई है

आज के समय जीएसटी व्यापारियों के लिए एक बड़ा सरदर्द बना हुआ है. इसके लागू होने के बाद से जीएसटी में अब तक 1100 से अधिक बार संशोधन किया जा चुका है, फिर भी इसका कोई सरलीकरण नहीं हुआ है। एक बार फिर जीएसटी की दरों को युक्तिसंगत बनाने और जीएसटी के कानूनों और विनियमों की समीक्षा करने की मांग की गई है। इस सिलसिले में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि कैट के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को आवेदन पत्र दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा गया है कि जीएसटी कानूनों और विनियमों को सरल बनाने और जीएसटी के कर आधार का विस्तार करने की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि जीएसटी केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए अधिक राजस्व उत्पन्न करता है। कैट की ओर से कहा गया है कि देश के प्रत्येक जिले में संबंधित जिलों के वरिष्ठ जीएसटी अधिकारियों और व्यापारिक नेताओं की एक संयुक्त जीएसटी समिति का गठन किया जाना चाहिए। इस समिति को जीएसटी के क्रियान्वयन की निगरानी और व्यापारियों की शिकायतों के निवारण का कार्य सौंपा जाना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को जीएसटी के दायरे में लाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। हितधारकों के साथ चर्चा के बाद जीएसटी की दर तय की जानी चाहिए। टेक्सटाइल और फुटवियर को 5% टैक्स स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि कैट विभिन्न जीएसटी मुद्दों पर सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने की योजना बना रही है। साथ ही, कैट जीएसटी और ई-कॉमर्स दोनों पर राष्ट्रीय अभियान रणनीति तैयार करने के लिए 25 और 26 जून को नागपुर में देश के व्यापारियों के साथ एक सम्मेलन आयोजित किया गया है। जिसमें सूरत के व्यापारी भी हिस्सा लेंगे।
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