सूरत सहित देश भर के कपड़ा कारोबारियों में दिख रहे रोष के बाद टल सकता है जीएसटी वृद्धि का फैसला
गुरुवार को सूरत में कपड़ा दुकानें और कारखानें बंद रहे। बंद का मकसद था 1 जनवरी 2022 से कपड़े पर जीएसटी दर का 5 से बढ़कर 12% होना। देश भर में कपड़ा कारोबारियों में जिस प्रकार सरकार के खिलाफ रोष बढ़ रहा है, उसे देखते हुए कयास लगाये जा रहे हैं कि जीएसटी वृद्शि को फिलहाल सरकार टाल दे।
सूरत के कपड़ा कारोबारियों के प्रतिनिधि मंडल ने विगत दिनों देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित आला अधिकारियों के सामने कपड़े पर कर वृद्धि के दुष्परिणामों के संबंध में पेशकश की थी। स्थानीय सांसद सी आर पाटिल और श्रीमती दर्शनाबेन जरदोष ने भी व्यापारियों के सूर में सूर मिलाया था। लेकिन उस बैठक के बाद सरकार की ओर से कहीं कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे थे। इससे मायूस कपड़ा कारोबारी आंदोलन का मुड़ बनाने लगे थे। इसकी भनक सरकारी खेमे में भी पहुंची।
अभी-अभी किसान आंदोलन के झमेले से मुश्किल से बाहर निकली सरकार कोई नया जनांदोलन झेलने के मुड़ में नहीं थी। नवसारी के सांसद सी आर पाटिल ने शायद इसीलिये सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में बयान देते हुए कहा था कि उन्होंने सरकार के समक्ष पूरी ताकत के साथ पेशकश कर रखी है कि कपड़े पर जीएसटी बढ़ाना आर्थिक रूप से नुकसानदेय सिद्ध हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई थी कि वे केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में मांग रखें। इसी घटनाक्रम के एक दिन बाद अचानक खबर आई के 31 दिसंबर की सुबह जीएसटी काउंसिल की बैठक रखी गई है।
व्यापारियों ने धमकी दी है कि अगर सरकार ने बढ़ोतरी वापस नहीं ली तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। कारोबारियों ने कहा कि अगर 12 फीसदी जीएसटी (#GST) लागू होता है तो उनके पास पूंजी नहीं होगी जिससे सभी छोटी-छोटी कार्यशालाएं बंद हो जाएंगी और कई लोग टैक्स से बचेंगे। https://t.co/GCHFWC7dBQpic.twitter.com/3JFy21ZzQw
31 दिसंबर की जीएसटी काउंसिल की बैठक तब होने जा रही है जब देश भर में कपड़ा व्यापारी एक दिन का सांकेतिक बंद रख चुके हैं और 1 जनवरी 2022 से प्रस्तावित वृद्धि लागू होनी है। ऐेसे में अचानक इससे सिर्फ एक दिन पूर्व जीएसटी काउंसिल की आनन-फानन में बैठक रखना कोई संयोग मात्र नहीं। जीएसटी वृद्धि का नोटिफिकेशन पिछले महीने ही जारी हुआ था और उसमें बदलाव करने का अधिकार भी उसे ही है, ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण हो जाती है।
देश के प्रतिष्ठित बिजनेस न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टेक्सटाईल और फुटवियर पर 1 जनवरी से लागू होने जा रही 12% की जीएसटी टल सकती है। यानि 1 हजार रूपये से कम के फैब्रिक, फुटवियर पर 5% जीएसटी की वर्तमान दर कायम रह सकती है। वैसे आम चर्चा तो यह भी है कि जीएसटी के वर्तमान चार स्लैब को घटाकर तीन करने पर भी चर्चा हो सकती है। लेकिन ये सारे कयास ही हैं। मुद्दे की बात तो यही है कि कपड़े पर जीएसटी दर वृद्धि को टालने की अच्छी खबर 31 दिसंबर की जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद आती है या नहीं, इसी पर कारोबारियों की नजर है।