पेट्रोल-डिझल के असह्य भाववृध्दि में सरकार राहत देः सूरत जिला कांग्रेस

पेट्रोल-डिझल के असह्य भाववृध्दि में सरकार राहत देः सूरत  जिला कांग्रेस

पेट्रोल डिझल के दाम हररोज नया रिकोर्ड बना रहे , गुजरात सरकार वेट में कटौती करके राज्य की प्रजा को महंगाई से आंशिक छुटकारा दे ऐसी मांग जिला कांग्रेस ने की है।

अच्छे दिन के सपने हुए चकनाचुर पेट्रोल के भाव ने सदी मारी , 2014 में केन्द्रीय एक्साईज ड्युटी प्रति लिटर 9.48 रुपये से बढ़कर आज 33 रुपये हो गई
 सूरत जिला कांग्रेस समिति द्वारा पुर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.तुषार चौधरी , पूर्व सूरत जिला कांग्रेस अध्यत्र एवं जिला पंचायत के सदस्य दर्शनभाई नायक, मांडवी के विधायक एवं सूरत जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद चौधरी तथा कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों ने संयुक्त निवेदन में कहा कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार के सात साल पुर्ण होने जा रहे है तभी रोजमर्रा के लिए आवश्यक पेट्रोल डिझल के दामों में हो रही भाव वृध्दि के कारण जीवनावश्यक चिजवस्तुओं के भाव में भी वृध्दि हो रही है। अनाज, दाल, सिंगतेल के दाम बढ़ने से कोरोनाकाल के दौरान गरीब, मध्यवर्ग को घर चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। 
केन्द्र सरकार अपने सात वर्ष के उपलक्ष्य में गुजरात राज्य में पेट्रोल डिजल पर वेट कम करके प्रजा को महंगाई से आंशिक राहत देनी की मांग कांग्रेस ने की है। वर्तमान में सरकार ने ऑईल कंपनीओं को भाव बढ़ाने की छुट देने से पिछले एक साल में 22 बार और इस महिने में पंद्रह बार पेट्रोल डिझल के भावों में वृध्दि होने से प्रजा की कमर तोड दी है। वर्ष 2014 में भाजपा ने  केन्द्र में सत्ता संभाली तभी पेट्रोल डिझल पर केन्द्रीय एक्साईज ड्युटी प्रति लिटर 9.48 रुपये थी जो आज बढ़कर प्रति लिटर 33 रुपये हो गई है। 2014 के मुकाबले वर्तमान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रुड ऑईल के भाव गिरने के पिछले एक साल यानी कोरोनाकाल के दौरान बावजुद ऑईल कंपनीओं ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर 22 बार पेट्रोल डिझल के भाव बढाए है। 
2014 से पहले पेट्रोल डिझल और रसोई गेस के भाव को लेकर एनडीए सरकार हंगामा करके पुरे देश में बंद का ऐलान करने के साथ विरोध प्रदर्शन करती थी। आज सत्ता में होने के बावजुद महंगाई बेकाबु हो गई , अच्छे दिने के सपने बताकर लोगों वोट प्राप्त करके सत्ता में आने के बाद भाजपा शासन में प्रजा के अच्छे दिन के सपने चकनाचुर हो गए। सरकार करकसर युक्त प्रशासन करके प्रजा को पेट्रोल डिझल के भावों में राहत दे सकती है। 

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