छोटे दुकान दारों को इ-कॉमर्स क्रांति का लाभ दिलाने सरकार ने बनाया है ये प्लान

छोटे दुकान दारों को इ-कॉमर्स क्रांति का लाभ दिलाने सरकार ने बनाया है ये प्लान

सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम का नया प्लेटफार्म लांच कर रही, पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

इंटरनेट के आज के दौर में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। विभिन्न प्रकार के कारोबार भी अब ऑनलाइन होते जा रहे हैं जिसे ई-कॉमर्स के नाम से जाना जा रहा है। ई-कॉमर्स के इस क्षेत्र में देखा गया है कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी इक्का-दुक्का कंपनियों का बोलबाला हो गया है। जिससे देशभर के छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इसी बेमेल परिस्थिति को कुछ हद तक नया जीवन देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयंबटूर में ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के नाम से एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। सब कुछ सही रहा तो सरकार को आशा है कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से भी यूपीआई जैसी ही क्रांति लाई जा सकेगी।
सरकार के इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य छोटे दुकानदारों को लाभ पहुंचाना है। जो दुकानदार इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ेंगे उनके व्यापार करने के खर्च में कटौती आएगी। देश के ऐसे करोड़ों दुकानदारों को इससे लाभ होगा और ई-कॉमर्स सिस्टम से जुड़ने का अवसर मिलेगा। आज हालात यह हैं कि देश के तुलनात्मक दृष्टि से कम संख्या में कारोबारी फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ जुड़कर व्यापार कर रहे हैं। जो इनके साथ नहीं जुड़े हुए हैं उन्हें नुकसान हो रहा है और अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। इतना ही इन दिग्गज कंपनियों की मोनोपोली इस हद तक है कि वे चाहें तो कुछ कारोबारियों को बढ़ावा दे सकती हैं और बाकियों को पीछे धकेल सकती हैं। 
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo : IANS)
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 9 सदस्यों की एक सलाहकार समिति का गठन किया है जिसमें इंफोसिस के नंदन नीलेकणी और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर आर एस शर्मा शामिल हैं। इस समिति की रचना का मुख्य उद्देश्य को ONDC की स्वीकार्यता को बढ़ाना और तेजी से इसे प्रमोट करने के तरीके ढूंढना है।
शुक्रवार को देश के 5 शहरों में ONDC को चुनिंदा ग्राहकों, विक्रेताओं और लॉजिस्टिक प्रदान करने वालों के लिए लांच किया। फिलहाल 150 रिटेलर्स को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। इस बारे में जानकारी देते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार प्रमोशन विभाग (DPIIT) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने मीडिया को बताया है कि ONDC एक सामूहिक प्लेटफार्म है जिसमें विक्रेताओं अथवा लॉजिस्टिक प्रदाताओं या पेमेंट गेटवे को स्वेच्छा से जुड़ना होगा। फिलहाल 80 कंपनियां ONDC के साथ काम कर रही हैं और उनका एकीकरण विभिन्न चरण में पहुंचा है। यह कंपनियां विक्रेताओं, खरीदारों, लॉजिस्टिक प्रदाताओं अथवा पेमेंट गेटवे के लिए अपनी ऐप बना रही हैं।
आपको बता दें कि ONDC के तहत खरीदने वाले और बेचने वाले को एक ही प्लेटफार्म पर होना जरूरी नहीं है। इसके अंतर्गत कारोबारी और ग्राहक अपने पसंदीदा प्लेटफार्म पर रहते हुए भी व्यवहार कर सकते हैं। अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, बिग बास्केट, ग्रोफर्स और जोमैटो जैसे सभी प्लेटफार्म डीपीआईआईटी और क्यूसीआई द्वारा बनाए गए प्लेटफार्म पर पंजीकरण करवाएंगे।
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