भारत मे पहली बार किसी छोटी उम्र की कथावाचक द्वारा जेल के अंदर कथा की गई, जो एक रिकॉर्ड है!

भारत मे पहली बार किसी  छोटी उम्र की कथावाचक द्वारा जेल के अंदर कथा की गई, जो एक रिकॉर्ड है!

सूरत स्थित लाजपोर जेल में भाविका द्वारा ऐतिहासिक राम कथा, बालिका भाविका माहेश्वरी ने कैदियों के समक्ष किया राम चरित्र कथा वाचन

11 वर्षीय भाविका माहेश्वरी के श्री मुखारविंद से  गुजरात की बड़ी जेलों में से एक लाजपोर सेंट्रल जेल में हजारों कैदियों के समक्ष रामकथा का वाचन हुआ।  भाविका ने बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड,  किष्किंधा कांड, लंका कांड, सुंदर कांड व उत्तरकांड के माध्यम से जीवन उत्थान के सूत्र बताए और कैदियों को कहा कि अतीत में जिन किन्हीं कारणों से आप इस जेल में पहुंच गए हो लेकिन अब भविष्य में अपने जीवन को उत्तम बनाएं व अपराधों से सर्वथा दूर रहे।  साथ ही राम मंदिर हेतु समर्पन निधि का आह्वान किया गया कैदी भाई बहिनों ने राम जयकारे से पूरा मैदान गुंजा दिया

राम चरित्र को सुनकर कैदियों का  चेहरा मुस्कान से भर गया

जेल में लगभग 3000 लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए कथा श्रवण का लाभ लिया। भाविका की अब तक 6 राम कथाओं द्वारा राम मंदिर हेतु लगभग 52 लाख रुपये समर्पन निधि इकठ्ठी हुई है, जिसमें जैन साधु, मुस्लिम भाइयों के साथ छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक द्वारा भी योगदान दिया है।

सूरत की बिटिया की कथा का ट्वीट 5000 हजार से ज्यादा बार रिट्वीट हुआ है

 इस अवसर पर लाजपोर सेंट्रल जेल सुप्रिडेंट आई पी एस मनोज निमामी, डिप्टी सुप्रिडेंट श्री पुण्ड्रिया एवं  श्री नरवड़े व सीनियर जेलर  श्री माली सर आदि की उपस्थिति रहे व कथा के आयोजन में पूर्ण सहयोग प्रदान किया। पुलिस अधिकारियों की ओर से कथावाचक भाविका माहेश्वरी का व उनके दादा-दादी, नाना-नानीश्री का शॉल व फूलों के गुलदस्ते से सम्मान किया। ड्रीम हाई स्कूल व ग्लेमर इवेंट के  दिनेश राठी के सहयोग से इस कथा का आयोजन हुआ। कथा में एसीपी अशोकसिंह चौहान ,एक सोच टीम, दर्शना जानी एवं मंजू भंसाली का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर कथा वाचक भाविका के दादा-दादी मीठालाल कैला, अयोध्या देवी जी केला, नाना-नानी जुगल किशोर जी सोनी व  इंद्रा जी सोनी, मामा गौरव सोनी, भाविका के माता-पिता मनीषा माहेश्वरी-राजेश माहेश्वरी व  छोटा भाई माधव माहेश्वरी उपस्थित थे।

इस अवसर पर महावीर इंटरनेशनल के गणपत भंसाली, सीए  पंकज माहेश्वरी, अग्रवाल युवा शाखा से जुड़े प्रकाश बिंदल, एक सोच संस्था की  एकता तुलस्यान, धार्मिक जानी तथा समाजसेविका सुचेता सेठ, आनंद पारिख की विशेष उपस्थिति रही। उल्लेखनीय है कि लाजपोर जेल में लगभग 2865 कैदी हैं जिनमें 85 के करीब महिलाएं हैंं। यह देखा गया कि कैदियों में अधिकतया 20 से 35 वर्ष की उम्र की संख्या ज्यादा थी।

भारत मे पहली बार किसी  छोटी उम्र कथावाचक द्वारा जेल के अंदर कथा की गई जो विश्व रिकॉर्ड है।

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