द्वारिका : कोरोना में बंद हुआ स्कूल तो शिक्षकों ने खुले आसमान में शुरू कर दिया क्लास

द्वारिका : कोरोना में बंद हुआ स्कूल तो शिक्षकों ने खुले आसमान में शुरू कर दिया क्लास

कोरोना काल के कारण बुनियादी जीवन शैली पूरी तरह बदल चुकी है। हर एक क्षेत्र पर कोरोना का भारी असर देखा गया। इनमें से भी सबसे ज्यादा असर शिक्षा विभाग पर देखने को मिला है। ऐसे समय में ऑफलाइन शिक्षा पूरी तरह बंद कर दी गई। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव देखे गये है। ऐसे में इस समय देवभूमि द्वारका के ढिंकी गांव में शिक्षकों और अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा को जारी रखने के लिए एक अनूठा प्रयास किया है। यहां अभिभावकों की सहमति से बच्चों को खुले आसमान के नीचे सड़क पर शिक्षा दी जा रही है। आपको बता दें कि वर्तमान में कोरोना के कम होते संक्रमण और दिन बा दिन कम हो रहे केसों के कारण कक्षा 9 से 12 तक की विद्यालय की शिक्षा शुरू हो चुकी है। लेकिन पहली से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा अभी भी ऑनलाइन ही चल रही है। इस समय के दौरान द्वारिका में शिक्षक अभिभावकों की सहमती से कुल 135 छात्रों को कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार स्ट्रीट एजुकेशन दे रहे हैं ताकि छात्रों की नींव कच्ची न रहे।

कोरोना काल के कारण बुनियादी जीवन शैली पूरी तरह बदल चुकी है। हर एक क्षेत्र पर कोरोना का भारी असर देखा गया। इनमें से भी सबसे ज्यादा असर शिक्षा विभाग पर देखने को मिला है। ऐसे समय में ऑफलाइन शिक्षा पूरी तरह बंद कर दी गई। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव देखे गये है। ऐसे में इस समय देवभूमि द्वारका के ढिंकी गांव में शिक्षकों और अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा को जारी रखने के लिए एक अनूठा प्रयास किया है। यहां अभिभावकों की सहमति से बच्चों को खुले आसमान के नीचे सड़क पर शिक्षा दी जा रही है।
आपको बता दें कि वर्तमान में कोरोना के कम होते संक्रमण और दिन बा दिन कम हो रहे केसों के कारण कक्षा 9 से 12 तक की विद्यालय की शिक्षा शुरू हो चुकी है। लेकिन पहली से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा अभी भी ऑनलाइन ही चल रही है। इस समय के दौरान द्वारिका में शिक्षक अभिभावकों की सहमती से कुल 135 छात्रों को कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार स्ट्रीट एजुकेशन दे रहे हैं ताकि छात्रों की नींव कच्ची न रहे।