द्वारका : मोरबी हादसे के बाद अब खुली प्रशासन की नींद

द्वारका : मोरबी हादसे के बाद अब खुली प्रशासन की नींद

राज्य में किसी भी पर्यटन स्थलों पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कामकाज शुरू

गुजरात में मोरबी में हुए दर्दनाक घटना के बाद अब जिला प्रशासन और पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन अब राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों की जाँच की जा रही है। इसी क्रम में द्वारका जिले के पर्यटन स्थलों पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ओखा-बेट के बीच चलने वाली 26 नौकाओं को निलंबित कर दिया गया है। ओखा जेट्टी से बेट द्वारका तक फेरी सेवा की निगरानी के लिए द्वारका प्रान्तीय अधिकारी, ओखा नगर मुख्य अधिकारी, पोर्ट ओखा पोर्ट अधिकारी के साथ पर्याप्त पुलिस उपस्थिति, बचाव दल को कैंप लगाया जा रहा है।

नावों की हो रही है जाँच, कई नावों को किया गया निलंबित


आपको बता दें कि शिवराजपुर बीच, गोमती घाट, सुदामा सेतु सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर ओखा-बेट द्वारका के बीच चलने वाली 26 नावों को निलंबित कर दिया गया है और बचाव उपकरण और तैराकों को भी तैनात किया गया है। ओखा बैट के बीच 183 नावों का पंजीयन किया गया है। जिनमें से करीब 100 नावें इस समय परिचालन में हैं। लाइसेंस प्राप्त नावें 50, 70, 100, 120 यात्री क्षमता वाली नाव यात्राएं प्रदान करती हैं।

सुदामा सेतु पर यातायात अस्थायी रूप से बंद


गौरतलब है कि इन नावों में पहले ठूंस कर यात्री भरे जाते थे, लेकिन मोरबी की घटना के बाद ओखा-बेट पर सिस्टम को एक्टिवेट किया जा रहा था और यह चेक किया जा रहा था कि यात्री नाव की क्षमता के अनुसार बैठाएं गए हैं या नहीं। इस बीच, 25 नावों को आठ दिनों के लिए और एक नाव को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है। सुदामा सेतु पर यातायात अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।