बीमा कंपनियों के इस नियम के कारण कोविड मरीजों को अस्पतालों में बिस्तर पाने में हो रही दिक्कत

बीएएमसी कमिश्नर ने समस्या का लिया संज्ञान, बीमा क्लेम पास करने एक दिन के अनिवार्य हॉस्पीटलाइजेशन के नियम में छूट के लिये उठायेंगे कदम

मुंबई महानगर पालिका प्रशासन को विगत दिनों से प्राईवेट हॉस्पीटलों में मरीजों को बिस्तर पाने में दिक्कत होने की शिकायतें मिल रही थीं। प्रशासन द्वारा जब इसका कारण तलाशा गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई है। इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को जब प्राईवेट अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की शिकायतें मिलीं तो उन्होंने मामले की शिनाख्त की। पता चला कि महानगर में कोविड मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और मोल्नुपिराविर दवाई का उपभोग कर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होने का कारण यह उभर कर सामने आया है कि स्वास्थ्य बीमा कंपनियों का नियम है कि बीमा क्लेम केवल उसी स्थिति में मान्य होते हैं जब मरीज कम से कम एक दिन के लिये अस्पताल में भर्ती हो। ऑउट पेशंट डिपार्टमेंट के मरीजों को स्वास्थ्य बीमा कवर नहीं मिलता। 
बीएमसी कमिश्नर के अनुसार हल्के लक्षण वाले कोविड मरीज भी अपने स्वास्थ्य बीमा क्लेम पकाने के चक्कर में एक से दो दिन अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और इस कारण प्राईवेट अस्पतालों में बैड की दिक्कत हो रही है। बीएमसी कमिश्नर ने प्राईवेट अस्पतालों को कहा है कि वे इस बाबत उन्हें लिखित में जानकारी दें जिससे वे बीमा कंपनियों से इस बाबत बात कर सकें और कोविड के मरीजों को अनावश्यक होने पर अस्पलात में दाखिल करने की बजाय आउट पैशंट डिपार्टमेंट के मरीजों के रूप में मान्य रखते हुए उनके बीमा क्लेम को मंजूरी दें। प्रशासन अब ये बात पर भी विशेष गौर करने जा रहा है कि प्राइवेट अस्पतालों में कोविड के कितने मरीज दाखिल हो रहे हैं और गैर जरूरी मरीजों का इलाज बिना दाखिले के ही हो।