सरकार की इस नीति के कारण रेसिडेंशियल इलाकों में सोलार प्लांट लेना टालेंगे लोग

सरकार की इस नीति के कारण रेसिडेंशियल इलाकों में सोलार प्लांट लेना टालेंगे लोग

एनर्जी सेक्टर की सबसिडी रद्द करने का लिया गया निर्णय

गुजरात सरकार द्वारा एनर्जी सेकटर की सबसिडी बंद करने की घोषणा करने की घोषणा की गई है। सरकार के इस निर्णय के कारण जिन उद्यमियों ने अपना बिजली का खर्च बचाने के लिए सोलार प्लांट इन्स्टाल करवाए थे, उन्हें बड़ा झटका लगा है। सरकार की इस नीति के कारण अब औद्योगिक इलाकों में और रेसिडेंशियल इलाकों में भी लोग महंगे सोलर प्लांट डालना टाल सकते है, जिसका सीधा फायदा बिजली कंपनियों को मिलेगा। 
पिछले 6 महीनों से राज्य सरकार की तिजोरी में कोरोना के कारण काफी फटका लगा था। पिछले 6 महीनों से रिन्युएबल पावर एनर्जी जनरेशन डेवलपमेंट-2019 की सबसिडी भी किसी को नहीं मिल पाई है। सरकार द्वारा इस तरह से सबसिडी कैन्सल करने से निवेशकों को 2200 करोड़ का नुकसान हुआ है। एक तरफ जाहन सरकार 2030 तक 30 गीगा वोट के लक्ष्य की बात कर रही है, जिसे अब बड़ा झटका लग सकता है। दक्षिण गुजरात में बड़े पैमाने पर उद्यमियों ने सोलर पेनल में निवेश किया था, जिनके लिए यह निवेश उनका सरदर्द बन रहा है। 
एक अंदाज के अनुसार गुजरात में 4000 में से 40 प्रतिशत यानि की 1600 से अधिक इकाई सूरत के है। जिससे की तकरीबन 7 लाख लोगों को बिजली दी जा सके उतनी बिजली उत्पादित होती है। सोलर प्लांट को लगवाने अधिकतर लोग मध्यमवर्ग से जुड़े है, जिन्होंने अपनी पूरी सेविंग इसमें लगा दी है। हालांकि पिछले 6 महीनों से किसी को भी राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली सबसिडी नहीं मिली है। जिसके चलते कई लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।