देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन ‘पद्म श्री’ डॉ केके अग्रवाल का बीती रात निधन

देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन ‘पद्म श्री’ डॉ केके अग्रवाल का बीती रात निधन

अंतिम साँस तक लोगों की सेवा में लगे थे डॉ केके अग्रवाल

दिल के एक डॉक्टर जो गरीबों के लिए भगवान के समान थे, जिन्होंने हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा जूनून की हद तक लोगों की मदद की। डॉ केके अग्रवाल के जाने से उनके फैंस की आंखों में पानी आ गया है। वे पिछले कई दिनों से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। मेहनती डॉ केके अग्रवाल के बारे में कुछ खास बातें
वह लंबे समय से कोरोना से लड़ रहे थे। कर्तव्य के प्रति उनकी निष्ठा इस बात से जाहिर होती है कि कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उनके चेहरे पर दर्द नहीं देखा गया। इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती होने से पहले वह ऑनलाइन मरीजों की परेशानी को भी दूर कर रहे थे। डॉ केके अग्रवाल के निजी जीवन की बात करें तो उनके पिता मध्य प्रदेश में रहते थे। उनके पिता दिल्ली में काम करने गए थे। उनके नौ भाई-बहनों को उनके माता-पिता ने बहुत अच्छी शिक्षा दी थी। उनका परिवार हमेशा एक आदर्श परिवार के रूप में गिना जाता था, सभी को एक साथ रखते हुए चलना ही डॉ अग्रवाल के स्वभाव में था।
(Photo : aajtak.in)
डॉ केके अग्रवाल ने 1979 में नागपुर विश्वविद्यालय से एमबीबीएस और 1983 में वहीं से एमडी की पढ़ाई की। 2017 तक, वह मूलचंद मेडिसिटी, नई दिल्ली में एक वरिष्ठ सलाहकार थे। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान पर कई किताबें भी लिखी हैं। उन्होंने प्राचीन वैदिक चिकित्सा पर 6 पाठ्य पुस्तकें, इकोकार्डियोग्राफी और आधुनिक एलोपैथी के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रेस में कई लेख प्रकाशित किए।
डॉ केके अग्रवाल का मानना था कि भारतीय महाकाव्य महाभारत कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं का इलाज करता है और भगवान कृष्ण भारत के पहले सलाहकार थे। डॉ अग्रवाल CMAAO और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी थे। वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष भी थे। 2010 में, उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह भारत में दिल के दौरे के लिए स्ट्रेप्टोकिनेस थेरेपी का उपयोग करने वाले अग्रदूतों में से एक थे और उन्होंने भारत में कलर डॉपलर इकोकार्डियोग्राफी की तकनीक भी पेश की। डॉ अग्रवाल को २००५ की चिकित्सा श्रेणी में सर्वोच्च पुरस्कार डॉ बीसी रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
(Photo : aajtak.in)
उन्हें विश्व हिंदी सम्मान, राष्ट्रीय विज्ञान संचार पुरस्कार, फिक्की हेल्थ केयर पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड, डीएस मुंगेकर राष्ट्रीय (आईएमए) पुरस्कार और राजीव गांधी उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला। डॉ केके अग्रवाल को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए हजारों मंचों पर सम्मानित किया गया। दिल्ली के खेलगांव स्थित उनके कार्यालय के बाहर रोजाना सैकड़ों जरूरतमंद लोगों की कतार लगी रहती है। देश में जैसे ही कोरोना का कहर बरपा, वह जूम, फेसबुक और तमाम ऑनलाइन मीडिया के जरिए लोगों की मदद करने लगी। वह लोगों के सवालों के जवाब देने और लोगों को कोरोना के साथ-साथ अपने इलाज के बारे में जागरूक करने के लिए हर दिन ऑनलाइन आते थे। डॉ अग्रवाल को ताली बजाने और थाली बजाने की योजना पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के लिए उन्हें ट्रोल किया गया था। लेकिन उन्होंने हमेशा आलोचनाओं को अपनी सहजता से लिया।
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