देश : जुलाई में होने है राष्ट्रपति का चुनाव, जानिए क्या हैं राष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया

देश : जुलाई में होने है राष्ट्रपति का चुनाव, जानिए क्या हैं राष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया

वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा होने जा रहा, 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे

आज चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के तारीख का ऐलान कर दिया है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा होने जा रहा है। हो सकता है आपके मन में ये सवाल पैदा हो कि कौन राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकता है? चलिए हम आपको बता रहे हैं कि राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए किन-किन शर्तों को पूरा करना होता है।
आपको बता दें कि राष्ट्रपतिय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952 की धारा 4 की उप-धारा (3) के उपबंधों के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव कार्यकाल पूरा होने से साठ दिन की अवधि में किसी दिन चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचना जारी की जाती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन राष्ट्रपति के पद का चुनाव भी निर्वाचन आयोग ही करवाता है। देश में हमेशा राष्ट्रपति रहना आवश्यक है और यह पद खाली नहीं रह सकता है। ऐसे में चुनाव का कार्यक्रम इस प्रकार तय किया जाता है कि राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के अगले ही दिन निर्वाचित राष्ट्रपति पद ग्रहण कर सके।
भारतीय संविधान के आर्टिकल 58 के अनुसार, राष्ट्रपति के पद के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए। उस व्यक्ति की उम्र कम से कम 35 साल होनी चाहिए। लोकसभा का सदस्य बनने के लिए योग्य होना चाहिए। भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के अधीन या किसी भी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन किसी भी लाभ का पदधारी यानी सरकारी नौकरी में नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा भी नामांकन के फॉर्म में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार को कम से कम पचास निर्वाचकों यानी विधायक या सांसदों को समर्थन होना आवश्यक है। चुनाव लड़ने के लिए 15000 रुपये की जमानत राशि भी देनी होती है। अगर आप भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको निर्वाचकों का प्रस्तावकों या अनुमोदकों के रूप में समर्थन चाहिए. इसके बाद इसे प्रस्तावक को नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी को जमा करना होगा। मतदान की बात करें तो राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के सदस्य और राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा के सदस्य ही वोट देते हैं। इसमें भी अगर कोई राज्य में विधानसभा है तो उसके सदस्य और संसद में मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते हैं।
अगर कार्यकाल की बात करें तो भारत के संविधान के आर्टिकल 56 के अनुसार, राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण करने की तिथि से 5 साल के लिए नियुक्त किया जाता है।  इसके अलावा, वो 5 साल से अधिक समय तक पद पर रह सकता है, जब तक कि कोई उत्तराधिकारी उसका पद ग्रहण नहीं कर लेता है।