मात्र 2 डॉलर में डार्क वेब पर मिल रहा है कोरोना का फर्जी टीकाकरण प्रमाणपत्र

मात्र 2 डॉलर में डार्क वेब पर मिल रहा है कोरोना का फर्जी टीकाकरण प्रमाणपत्र

विदेश में जाने के इच्छुक टीका नहीं लगा पाने से बनवा रहे है फर्जी प्रमाणपत्र, बन सकती है गले का काँटा

देश भर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण का कार्य चालू है। विभिन्न स्थानों पर कोरोना के टीकाकरण का कार्य तेजी से चले इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न अभियान चलाए जा रहे है। देश और दुनियाभर में कई जगह पर टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके चलते कई लोगों ने फर्जी प्रमाण-पत्र बनाना शुरू कर दिया है। कई लोग जो टीका नहीं लगवाना चाहते, वह लोग फर्जी टीकाकरण प्रमाणपत्र बनवा रहे है। अब डार्क वेब पर भी साइबर अपराधियों ने कोरोना का फर्जी प्रमाणपत्र उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है। बता दे कि फिलहाल टीकाकरण का प्रमाणपत्र के असली या फर्जी होने कि जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर सहित कई मंदिरों में दर्शन के लिए टीकाकरण का प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा कई राज्य भी अपनी सीमा में घुसने के लिए टीकाकरण तथा आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर रही है। ऐसे में जिन लोगों के पास टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं है, वह उसके लिए फर्जीवाडा कर रहे है। 
इस बारे में साइबर विशेषज्ञ प्रतीक चौरडिया कहते है कि यह काफी खतरनाक है। डार्क वेब पर आसानी से कोई भी ठग किसी कि डिटेल लेकर उसे प्रमाणपत्र उपलब्ध करवा रहे है। जिसके लिए मात्र दो डॉलर का शुल्क लिया जाता है। इसके लिए भी मात्र क्रिप्टोकरन्सी में ही भुगतान करना होता है। कई लोग जो विदेश जाना चाहता है और टीका नहीं लगवा पा रहे है वह लोग डार्कवेब का इस्तेमाल कर के नकली प्रमाणपत्र निक्लवाकर उसका इस्तेमाल कर रहे है। इसके लिए वह नकली प्रमाणपत्र चाहने वाले लोगों की सभी जानकारियां लेता है। हालांकि अभी भी लोग इस बात से अंजान है कि इस तरह से फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाने वाले के साथ भी ठगी कर सकते है।