सूरत में कोरोना संक्रमण का संकट, 40 वर्ष से अधिक उम्र वालों पर अधिक खतरा

सूरत में कोरोना संक्रमण का संकट, 40 वर्ष से अधिक उम्र वालों पर अधिक खतरा

सूरत शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही नाजुक मोड पर है, 40 साल से अधिक उम्र वाले शहरवासियों पर वायरस का अधिक खतरा मंडरा रहा है। ऐसी परिस्थिति में मास्क और वेक्सीन ही कारगर हथियार है।

मार्च महिने में 8959 पोजिटिव मरीजों में 230 को प्रथम और 6 को कोरोना का दुसरा डोज लगा था 
सूरत शहर में मार्च महिने के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही चिंताजनक रहा। वायरस का यह बहुत की क्रिटिकल समय है और 40 साल से अधिक उम्र वाले शहरवासियों पर वायरस का अधिक खतरा मंडरा रहा है। ऐसी परिस्थिति में मास्क और वेक्सीन ही कारगर हथियार है। जब तक वेक्सीन न लगे तब तक युवा वर्ग रिवर्स कोरोन्टीन में रहकर कोरोना वायरस के खिलाफ लडाई में अपना योगदान दे। कोरोना वेक्सीन सुरक्षाकवच के समान है जिससे होस्पिटलाईज होने से बचा जा सकता है। सरकार की गाईडलाईन अनुसार लोग वेक्सीन लगाए। 
शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में हररोज कोरोना संक्रमण के नए मरीजों का रिकोर्ड बन रहा है। राज्य में सबसे अधिक संक्रमण सूरत और अहमदाबाद शहरों में ही है। सूरत शहर के निजि अस्पतालों मे भी कोविड बेड फुल होने लगे है। सरकारी सिविल अस्पताल और स्मीमेर अस्पताल में ही कोविड के बेड उपलब्ध है। हररोज नए मरीजों की संख्या में वृध्दि के साथ अस्पतालों दाखिल मरीजों की संख्या भी बड़ रही है। 
महानगरपालिका के स्वास्थ विभाग ने पिछले एक महिने के दौरान शहर मे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेईन का निरिक्षण करने पर पता चला की पिछले साल के मुकाबले इस साल कोरोना संक्रमण बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है जिस परिवार में एक सदस्य पोजिटिव होता है तो तुरंत अन्य सदस्य भी संक्रमित हो रहे है। इस प्रकार के परिवार के सभी सदस्यों के संक्रमित होने की संख्या काफी है। 16 जनवरी के बाद हेल्थ केर वर्कर्स  कोरोना वोरियर्स को कोरोना की वेक्सीने देने की शुरूआत हुई थी। उसके बाद फ्रन्ट लाईन कोरोना वोरियर्स को और 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को कोरोना वेक्सीन लगाना शुरू हुआ था। 45 साल से अधिक उम्र वाले कोमोर्बिड लोगों को भी मेडिकल सर्टीफिकेट के आधार पर कोरोना वेक्सीन लगानी शुरू हूई थी।
मार्च महिने के दौरान सूरत शहर में कुल 8959 लोगों का कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आया है जिसमें से 230 लोगों ने कोरोना का प्रथम टीका और 6 लोगों ने दुसरा टीका लगाया था। यानी की कोरोना टीका लगानेवाले लोगों को कोरोना पोजिटिव होने का खतरा कम होता है। कोरोना का टीका लगाने के बाद भी मास्क पहनना है और फिर भी संक्रमित होते हो तो उसकी गंभीरता कम हो जाती है इस लिए कोरोना वेक्सीन लगाना बहुत ही जरूरी है। कोरोना वेक्सीन लगाने से कोरोना संक्रमित होने का आसोत कम हो जाता है ऐसा पिछले महिने के पोजिटिव मरीजों की तुलना मे पाया गया। कोरोना वेक्सीन सुरक्षाकवच समान है और वेक्सीन लागने के बाद होस्पिटलाईज होने से बचा जा सकता है। 
२० से 45 साल  उम्रवाले युवा वर्ग को अभी कोरोना का सबसे अधिक खतरा है। यह वर्ग अभी कोरोना वेक्सीन के दायरे में आया नही है और इस वर्ग की आबादी भी बहुत ज्यादा है। शहर में कोरोना संक्रमण क्रिटिकल परिस्थिति में है। जब तक कोरोना की वेक्सीन नही लगती तब तक युवा वर्ग स्वैच्छिक रुप से अपने आप को रिवर्स कोरोन्टीन में रखे यानी किसी पोजिटिव व्यक्ति या कोरोना कोन्टेक्ट पर्सन के संपर्क से बचे। युवा वर्ग सामाजिक गेधरींग में न जाए और बुजुर्ग तथा बच्चों से भी संक्रमित होने का खतरा बना है। युवा वर्ग मास्क का ‌अति आवश्यक रुप से पालन करे कोविड गाईडलाईन तथा एसओपी का पालन करे। रिवर्स कोरोन्टीन और फाईटींग वीथ कोरोना वायरस के साथ प्रशासन सतर्क है। 
Tags: