आज से सूरत में गणेशोत्सव की धूम; होगा करोड़ों का कारोबार

आज से सूरत में गणेशोत्सव की धूम; होगा करोड़ों का कारोबार

दो साल के इंतजार के बार एक बार फिर सूरत अपने रंग में कर रहा अपने प्रभु का आगमन

दो साल के घातक कोरोना असर को  भूलकर सूरत के हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रथम उपासक देव का स्वागत करते नजर आए। पिछले पांच दिनों से डीजे, लाइटिंग और नासिक ढोल के साथ श्रीजी का भव्य आगमन पूरे शहर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सूरत में गणेश उत्सव पर अनुमानित 200 करोड़ रुपये खर्च किए। न केवल बड़ी सभाओं बल्कि छोटी-छोटी सभाओं ने भी डीजे की थाप पर जुलूस निकाला और श्रीजी को गलियों, मोहल्लों और समाजों में ले गए। दूसरे शब्दों में, भक्तों ने दो साल की कमी पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आपको बता दें कि आज स्थपित हुए गणेश जी के लिए पिछले दो दिनों से शाम होते ही श्रीजी के आगमन की यात्रा शुरू हो जाती थी। देर रात तक सड़कों पर डीजे की धुन सुनाई देती रही। गणपति देव को धीरे-धीरे घर पहुंचाने के लिए छोटे लड़के से लेकर युवक-युवती भी बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। मंडप को सजाने से लेकर प्रतिमा को सजाने तक, लाइटिंग, ड्रेस कोड, महाआरती, छप्पन भोग पर काफी खर्च होता है। महाआरती में 108, 1008 दीपक जलाए जाते हैं। आरती में श्रीजी को सबसे प्रिय मोदक के साथ अवनवी मिठाई का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। फिर महाआरती और प्रसाद के लिए अलग-अलग बजट रखा जाता है। इसी प्रकार सत्यनारायण की कथा भी प्रत्येक गणेश मंडल द्वारा आयोजित की जाती है।

एक डीजे के लिए 30 हजार से 5 लाख

पिछले कुछ वर्षों में, श्रीजी की विघटन यात्रा में एक अनिवार्य डीजे का होना एक चलन बन गया है। लेकिन अब श्रीजी की आगमन यात्रा में भी डीजे अनिवार्य हो गया है। 1 से 1.50 लाख के बीच की लागत वाले हाई-टेक और लाइटिंग डीजे के साथ बड़ी मंडलियां अगम यात्रा कर रही हैं। जबकि छोटी मंडलियां 20 से 50 हजार तक खर्च कर रही हैं। बड़ी सभाएं केवल डीजे पर आगमन और विघटन यात्रा पर 5 लाख रुपये के बीच खर्च कर रही हैं। छोटी सभाएं आगमन और विघटन पर अनुमानित 30 हजार से 1 लाख रुपये खर्च कर रही हैं।

साज-सज्जा व सौंदर्यीकरण पर खर्च किए 25 हजार से 5 लाख

गणेश भक्त गणेश मंडप में परिष्कृत प्रकाश व्यवस्था के लिए विभिन्न विषयों पर वर्षों से हजारों खर्च करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से गणेश प्रतिमा की साज-सज्जा पर भी भारी खर्च हो रही है। पिछले एक महीने से भक्त श्रीजी की भव्यता को सुशोभित करने के लिए दौड़ रहे हैं। पगड़ी, बाजूबंध आदि सजावट पर श्रद्धालु 15 हजार से 1.50 लाख रुपये तक खर्च करने से नहीं हिचकिचाते।

ड्रेस कोड के पीछे भी 5,000 से 25,000 का खर्चा

सूरत में श्रीजी की शोभा-विसर्जन यात्रा में एक जैसी पोशाक पहनने का चलन देखने को मिल रहा है। युवक टी-शर्ट या कुर्ते पर 5000 से 25,000 रुपये खर्च कर रहे हैं जबकि लड़कियां कपड़े, साड़ी या टॉप और जींस पर खर्च कर रही हैं।