वायरल हो रहा मोरबी के झुलते पुल के गिरने के समय का सीसीटीवी फुटेज; झटके में हर कोई पानी में गरक हो गया!

वायरल हो रहा मोरबी के झुलते पुल के गिरने के समय का सीसीटीवी फुटेज; झटके में हर कोई पानी में गरक हो गया!

बिना फिटनेस सर्टिफिकेट शुरू कर दिया गया था पुल, कीमत से ज्यादा वसूले जाते थे टिकेट के पैसे

कल शाम छः बजे मोरबी के मच्छू नदी पर बने पुल के टूट जाने से एक बड़ा हादसा हो गया। अब ओरेवा ग्रुप की लापरवाही का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। मोरबी का सस्पेंशन ब्रिज गिरने का लाइव फुटेज वायरल हो गया है। जैसे ही सस्पेंशन ब्रिज टूटा, कई लोग पानी में गिर गए। हादसे के वक्त कुछ लोग जाल में लटके नजर आए। 

पुल के टिकेट में भी कालाबाजारी


आपको बता दें कि मोरबी आपदा से जुड़ा ओरेवा ग्रुप के काले धन का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। ऑरेवा ग्रुप के एग्रीमेंट के अनुसार 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट की दर 10 रुपये तय की गई थी लेकिन ओरेवा काला धन कमाने के लिए 12 रुपये लिया करता था। साथ ही वयस्कों के लिए टिकट की दर 15 रुपये रखी गई थी। लेकिन ऑरेवा ग्रुप काला धन बनाने के लिए 17 रुपये चार्ज करता था। मोरबी हादसे से पहले ओरेवा कंपनी के एमडी जयसुख पटेल ने दावा किया था कि दो करोड़ की लागत से हैंगिंग ब्रिज का रेनोवेशन सटीकता के साथ किया गया है।

हर तरफ मातम का माहौल


गौरतलब है कि मोरबी हादसे में सैकड़ों जाने चली गई है। खानपुर गांव में छह नागरिकों की मौत से गांव में मातम छाया है। इसमें एक लड़की, दो लड़कियां, एक महिला और दो पुरुष मारे गए। जाली देवानी गांव में एक ही परिवार के पांच बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। एक ही गांव के सात नागरिकों की मौत से शोक का माहौल है।

अब तक हादसे में 140 से अधिक लोगों के मरने की जानकारी आई सामने


बता दें कि मोरबी में पुल दुर्घटना में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। घायलों ने दावा किया कि पुल पर एक साथ 500 से 600 लोग सवार थे। जानकारी के मुताबिक मोरबी के सस्पेंशन ब्रिज पर जाने के लिए 650 से ज्यादा लोगों को टिकट दिया गया। बच्चों के लिए 12 रुपये और वयस्कों के लिए 17 रुपये का टिकट लिया जा रहा था।

बिना सर्टिफिकेट के ही शुरू हो गया था पुल


इस हादसे में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली जानकारी ये मिली है कि एक तरफ इस पुल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया गया लेकिन ब्रिज शुरू कर कैश का कारोबार शुरू किया गया। हादसे के बाद से ही ओरेवा नाम की कंपनी के मालिक अंडरग्राउंड हो गए हैं। सस्पेंशन ब्रिज के नवीनीकरण कार्य के साथ 15 साल के लिए इस ब्रिज को ओरेवा कंपनी को सौंप दिया गया था। ऑरेवा कंपनी ने दावा किया कि रेनोवेशन बहुत सावधानी से किया गया था। हादसे के 14 घंटे बाद भी ओरवा कंपनी के मालिक पकड़े नहीं गए हैं। स्थिरता रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद को छोड़कर पुल को चालू किया गया था। पुल की क्षमता से अधिक लोगों को टिकट बेचकर पुल पर जाने दिया जा रहा था। इस मामले में ऑरेवा कंपनी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।