कारोबार : वार्षिक 10 करोड़ या उससे ज्यादा का टर्नओवर रखने वाले व्यापारियों के लिए ई-वेबिल अनिवार्य

कारोबार : वार्षिक 10 करोड़ या उससे ज्यादा का टर्नओवर रखने वाले व्यापारियों के लिए ई-वेबिल अनिवार्य

पहले ये नियम २० करोड़ टर्नओवर रखने वाले व्यापारियों के लिए था, जीएसटी के कई नियमों में मिला अतिरिक्त समय

अभी तक वार्षिक 20 करोड़ तक टर्नओवर रखने वाले व्यापारियों के लिए ही ई-वेबिल का नियम था पर कल यानि एक अक्टूबर से वार्षिक दस करोड़ से अधिक की टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए ई-वेबिल को अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं, उन व्यापारियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने की समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर करने का भी निर्णय लिया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान जीएसटी जमा करने के बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने से चूक गए हैं।

क्रेडिट नोट जारी करने की समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर


आपको बता दें कि जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए अतिरिक्त समय आवंटित कर सरकार ने व्यापारियों को जीएसटी के प्रावधानों का पालन करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। इस प्रकार, इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा भी दो महीने बढ़ा दी गई है। रिटर्न विवरण के प्रकटीकरण और क्रेडिट नोट जारी करने की समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। ऐसे में यदि व्यापारी जीएसटी के क्रेडिट स्टेटमेंट में ऑटो-ड्राफ्ट खातों के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पात्र नहीं है, तो व्यापारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। एक व्यापारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट तभी मिल सकता है जब उसे दिखाया गया हो और दावा करने के लिए छोड़ दिया गया हो। आपूर्तिकर्ता द्वारा कितनी जानकारी प्रदान की जाती है, यह भी निर्धारित करेगा कि वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए योग्य है या नहीं।

जीएसटी रिटर्न में दी गयी गलत जानकारी को सुधारने के लिए दिया गया समय


वहीं जिन व्यापारियों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नियमों के तहत छह महीने से रिटर्न दाखिल नहीं किया है उनका जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। लेखा फर्मों के लिए जीएसटी क्रेडिट का दावा करने के पुराने प्रावधान को बदल दिया गया है, इसलिए उन्हें अगली बार नए सिरे से प्रयास करना होगा। दिनों के भीतर जीएसटी कंपाइलेशन के लिए एक नया प्रयास किया जाएगा। साथ ही साथ जीएसटी रिटर्न में बिक्री से संबंधित विवरण भरने में कोई गलती होने पर गलती सुधारने की तिथि भी बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। इसके साथ ही यदि पिछले वर्ष की अवधि का विवरण रिटर्न में नहीं दिखाया गया है, तो अब बिक्री पर जीएसटी की रिटर्न और व्यावसायिक लेनदेन पर मासिक विवरण प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।