एक-दूसरे के शरीर से जुड़े भाइयों ने हासिल की सरकारी नौकरी, माँ-बाप के छोड़ने के बावजूद नहीं हारी हिम्मत

एक-दूसरे के शरीर से जुड़े भाइयों ने हासिल की सरकारी नौकरी, माँ-बाप के छोड़ने के बावजूद नहीं हारी हिम्मत

शरीर के निचले हिस्से को करते है शेयर, विकलांग क्वोटा के तहत दी गई नौकरी

कहते हैं कि यदि आपमें दृढ इच्छा शक्ति है तो कोई भी आपका रास्ता नहीं रोक सकता। अटूट हौसले और दृढ़ मनोबल के जरिये व्यक्ति कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। इसी बात को साबित किया है पंजाब के अमृतसर स्थित पिंगलवाड़ा में रहने वाले सोहना-मोहना ने। एक-दूसरे के शरीर से जुड़े जुड़वा भाइयों ने अपनी कला और ज्ञान के बल पर पंजाब स्टेट कॉर्पोरेशन में नौकरी हासिल कर ली है। पिंगलवाड़ा के रहने वाले सोहना-मोहना ने आईटीआई में से डिप्लोमा इलेक्ट्रिशियन की पढ़ाई की और बुधवार को 66-KV PSPCL ऑफिस में आधिकारिक तौर पर ड्यूटी जॉइन की।
इस बारे में PSPCL के CMD वेणु प्रसाद ने मीडिया बताया की जब उन्हें पता चला कि विलक्षण लक्षणों वाले यह बालक आईटीआई में डिप्लोमा कर रहे हैं और इलेक्ट्रिशियन के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं, तब उन्होंने उनका संपर्क किया और उन्होंने पाया कि दोनों काफी एक्टिव हैं। दोनों के पास काफी अच्छा टेक्निकल नॉलेज है और इसी के चलते उन्होंने उनको विकलांग व्यक्तियों के क्वोटा के तहत नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय किया था। दोनों बालक एक ही लीवर तथा कमर के नीचे के हिस्से को शेयर करते हैं। हालांकि दोनों के हृदय, हाथ, किडनी अलग-अलग हैं। उनके माता-पिता ने उनका त्याग कर दिया गया था, जिसके बाद साल 2003 में डॉक्टर इंद्रजीत कौर द्वारा उन्हें सोहना और मोहना नाम दिया गया था। 
दोनों भाइयों ने पंजाब सरकार को यह मौका देने के लिए धन्यवाद किया। सोहना-मोहना ने मीडिया को बताया कि वह काफी निष्ठा के साथ मेहनत करते हैं। इसके अलावा उन्होंने पिंगलवाड़ा संस्था का भी आभार व्यक्त किया था जिन्होंने उनको शिक्षित किया और उन्हें स्व-निर्भर बनने में मदद की। दोनों 14 जून, 2003 को नई दिल्ली की सुचेता क्रिपला अस्पताल में पैदा हुये थे। इसके बाद उन्हें एम्स में ट्रांसफर किया गया था, जहां डॉक्टरों ने उनको अलग ना करने का निर्णय किया था। क्योंकि इसके पहले जब ऐसा किया गया तो हालत काफी खराब हो गई थी और जिस व्यक्ति की सर्जरी हो रही थी उसकी जान पर बन आई थी।
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