आयुर्वेद बनाम एलोपैथी : वैक्सीन लेने से किया इनकार, मामला अदालत की दहलीज पर पहुंचा

आयुर्वेद बनाम एलोपैथी : वैक्सीन लेने से किया इनकार, मामला अदालत की दहलीज पर पहुंचा

एयरफोर्स के अधिकारी ने कोरोना टीका लेने से किया था मना, वायुसेना ने दिया शोकॉज़ नोटिस

देश भर में पिछले कई दिनों से आयुर्वेदिक बनाम एलोपैथी का विवाद चल रहा है। पिछले दिनों भारतीय वायुसेना के जामनगर में तैनात एक कर्मचारी ने कोविड वैक्सीन लेने के लिए अपनी अनिच्छा दर्शाई थी। जिसके चलते वायुसेना द्वारा कर्मचारी को उसकी नौकरी पर से छुट्टी देने के लिए शोकॉज़ नोटिस दी थी। जिसे लेकर कर्मचारी ने हाईकोर्ट में वायुसेना के दावे के खिलाफ आवेदन दिया था। जिसके चलते न्यायमूर्ति ऐजे देसाई और ऐपी ठाकर की बैच ने भारतीय वायुसेना को कर्मचारी के खिलाफ 1 जुलाई तक किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करने का आदेश दिया है।  

विस्तृत जानकारी के अनुसार, योगेन्द्रकुमार इंडियन एयरफोर्स में कोर्पोंरल के तौर पर काम करते है। उन्होंने अपने कमांडिग ओसिफर से पत्र लिखकर बताया कि खुद के कोरोना का टीका लेने के लिए अपनी अनिच्छा दर्शाई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करते है। मात्र आपातकालीन परिस्थितियों में ही वह एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल करते है। ऐसे में वह टीका नहीं लेंगे। जिसके चलते वायुसेना ने योगेन्द्रकुमार के इस व्यवहार को अनुशाशनहीनता बताकर उन्हें ड्यूटी पर से हटाने का निर्णय लिया गया था। 
योगेन्द्र ने कहा कि, आईएएफ़ के अनुसार वायुसेना में अनुशाशनहीनता के चलते निकाल दिया था। पर मात्र वैक्सीन ना लेने के कारण ही उन्हें सेवा से मुक्त किया गया था। जो की भारतीय संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है। जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील की थी। जिसकी सुनवाई में हाईकोर्ट ने योगेन्द्र के खिलाफ 1 जुले तक कोई भी कार्यवाही ना करने का आदेश दिया था।