17 वर्षीय भारतीय छात्रा के सामने झुकी ऑस्ट्रेलियन सरकार, जानें पूरा मामला

17 वर्षीय भारतीय छात्रा के सामने झुकी ऑस्ट्रेलियन सरकार, जानें पूरा मामला

सरकार के सामने हुई बालकों की जीत से पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना मामला

ऑस्ट्रेलिया में क्लाइमेट चेंज के कारण हो पर्यावरण को हो रहे नुकसान और प्रदूषण के खिलाफ भारतीय मूल की 17 वर्षीय छात्रा कोर्ट में गई थी। इसके चलते पूरे देश में हलचल मच गई है। पूरे मामले में ऑस्ट्रेलिया की फेडरल कोर्ट ने सुनवाई है की क्लाइमेट चेंज के कारण भविष्य में बच्चों को होने वाली किसी भी प्रकार की तकलीफ से रक्षण देना सरकार की ज़िम्मेदारी है। कोर्ट के इस निर्णय से ऑस्ट्रेलियन सरकार काफी असमंजस में आ गई है। 
मई महीने में भारतीय मूल की 17 वर्षीय अंजलि शर्मा और अन्य सात पर्यावरणविद किशोरियों ने ऑस्ट्रेलियन सरकार के सामने कोर्ट का सहारा लिया था। शर्मा और उसके साथ के छात्रों के ग्रुप ने ऐसी दलील की थी की वातावरण में लगातार छोड़े जा रहे कार्बन डायोक्साइड के कारण जंगलों में आग लगने की घटना में काफी इजाफा हो रहा है। नदियों में बाढ़ आ रही है, समंदर में तूफान की संख्या बढ़ी है। इन सबके कारण बच्चों को बीमारी, आर्थिक नुकसान और कई मामलों में शारीरिक चोट और मौत भी हो रहे है। 
इसके अलावा अंजलि और उसके साथियों ने न्यू साउथ वेल्स में आई कोयले की माईन का विस्तरण की अनुमति देने के केन्द्रीय मंत्री सूजन ले को भी रोकने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इस निर्णय को मान्य रखा था, पर इससे किसी भी बालक को कोई चोट ना पहुंचे इसका ध्यान रखने भी कहा है। पूरे देश में कोर्ट का यह निर्णय चर्चा का केंद्र बन गया था।
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