सूरत : क्यूआर कोड स्कैनिंग; जानिए साइबर अपराध की नई मॉडस ऑपरेंडी

सूरत : क्यूआर कोड स्कैनिंग; जानिए साइबर अपराध की नई मॉडस ऑपरेंडी

नकली क्यूआर कोड वायरल कर लोगों के मोबाइल की गुप्त जानकारी हासिल कर किया जाता था स्कैम

पिछले काफी समय से हर कोई किसी भी चीज को हासिल करने के लिए ऑनलाइन माध्यमों का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहा है। कोरोना काल के बाद तो इन ऑनलाइन व्यवहारों का प्रमाण और भी अधिक बढ़ चुका है। डिजिटल पेमेंट से लेकर हर कोई हर चीज ऑनलाइन माध्यमों से ही करने का प्रयास करता है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट के साथ क्यू आर कोड स्कैनिंग से होने वाले पेमेंट में भी इजाफा देखने मिला है। कोविड गाइडलाइन के कारण कई हाई-फाई होटल तथा रेस्टोरेंट भी क्यू आर कोड के द्वारा कस्टमर को अपनी ऑर्डर से लेकर पेमेंट तक की सुविधा देते थे। कोरोना से बचने के लिए होटलों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इस क्यूआर कोड का इस्तेमाल अब साइबर क्रिमिनल द्वारा भी किया जा रहा है।
ऑनलाइन पेमेंट के लिए क्यूआर कोड के बढ़ते इस्तेमाल को देखकर साइबर क्रिमिनल्स द्वारा सोशल मीडिया में कई फेक क्यू आर कोड वायरल किए गए हैं। विभिन्न गेम, खिलौने तथा प्रसिद्ध होटल तथा रेस्टोरेंट के नाम पर वायरल किए गए इस कोड से किसी भी व्यक्ति का मोबाइल हैक किया जा सकता है। जिसके बाद मोबाइल की गुप्त जानकारी इन साइबर क्रिमिनल के हाथ में आ जाता है। इसी तरह कोई भी आपके मोबाइल के व्यक्तिगत चीजें तथा मैसेजेस वगैरह का इस्तेमाल कर सकता है।
ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु में सामने आया था। जहां इलेक्ट्रॉनिक्स के एक व्यापारी ने मल्टीनेशनल कंपनी में कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए टेंडर भरा। इस दौरान व्यापारी के घर पर एक एजुकेशनल गेम का पार्सल कूरियर में आया। जिसे लेकर व्यापारी के 10 वर्ष के बालक ने स्कूल टीचर द्वारा गिफ्ट में यह पार्सल दिए होने का जानकारी दी। इस गेम को ऑपरेट करने के लिए एक क्यूआर कोड स्कैन करना अनिवार्य था। जैसे ही व्यापारी ने अपने मोबाइल से इस कोड को स्कैन किया गेम चालू हो गई। हालांकि 3 दिन बाद कंपनी में टेंडर प्रक्रिया के दौरान व्यापारी ने मात्र ₹3 की कमी के चलते टेंडर गंवा दिया। इस घटना से आश्चर्यचकित व्यापारी ने जब बाद में जानकारी हासिल की तो पता चला कि प्रतिद्वंदी व्यापारियों ने टेंडर हासिल करने के लिए टीचर के नाम से गेम का पार्सल भेजा था। जिस में क्यूआर कोड स्कैन करने से व्यापारी का मोबाइल हैक हो गया था और उसकी सभी कॉल रिकॉर्डिंग, गुप्त बातचीत प्रतिद्वंदी व्यापारियों के सामने पहुंच गई थी और उसने अपना टेंडर गंवा दिया।
ऐसे में साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि क्यूआर कोड को स्कैन करने के दौरान भी काफी सावधानी रखनी चाहिए। किसी भी अनजान क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करना चाहिए, जिसके चलते आपका नुकसान हो। हो सके तो विभिन्न वेबसाइट का इस्तेमाल कर कर पहले वह क्यूआर कोड वेरीफाई करना चाहिए कि वह सुरक्षित है या नहीं।