सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आंध्रप्रदेश रद्द की 12वीं की परीक्षा

कोरोना महामारी के बीच सरकार ने लिया था 12वीं की परीक्षा आयोजित करने का निर्णया, सुप्रीम ने पूछा कौन लेगा बालकों की मौत की ज़िम्मेदारी

देश के अधिकतर राज्यों ने जहां कोरोना महामारी के कारण 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था, वहीं आंध्रप्रदेश राज्य सरकार ने 12वीं की परीक्षा लेने का निर्णय लिया था। देश भर में जहां एक और कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है, वहीं सरकार के इस निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने सरकार से प्रश्न किया की कोरोना की ऐसी परिस्थिति में हजारों छात्रों के बीच वह गाइडलाइंस का पालन कैसे करेगी। 
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या यदि परीक्षा के दौरान किसी छात्र की मौत हो जाती है तो उसकी ज़िम्मेदारी सरकार लेगी। कोर्ट में आन्ध्रप्रदेश सरकार की और से वकील महेफ़ूज नाजकी ने कहा की जुलाई के अंतिम सप्ताह में सरकार परीक्षा लेने का आयोजन कर रही है। जिस पर जस्टिस खानविलकर ने कहा कि यदि जुलाई में परीक्षा होगी तो परिणाम कब आएगा? क्या तब तक अन्य स्पर्धात्मक परीक्षाएँ आप के परिणाम आने का इंतजार करेगी। इसके बाद अलावा जस्टिस खानविलकर ने प्रश्न पूछा कि 5 लाख से अधिक छात्रों के लिए 34 हजार रूम है। ऐसे में वह इतने शिक्षक कहाँ से लाएगे। कोर्ट नें कहा कि यदि आप को परीक्षा लेनी ही है तो कोई ठोस योजना बताए। वरना अन्य राज्यों की तरह परीक्षा लेने का विचार छोड़ दे। 
सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद राज्य के शिक्षणमंत्री औदिमुलापु सुरेश ने मीडिया से बात करते हुये कहा की कोर्ट द्वारा 31 जुलाय तक रिजल्ट जारी करने की डेडलाइन दी गई है। जिसके चलते परीक्षा होना काफी कठिन मालूम पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें राज्य में कक्षा 12 की परीक्षा रद्द ही करनी रहेगी।