आनंद : 5000 रु स्टाइपेंड घोषित होने पर बोले इंटर्न्स, 'डॉक्टर हैं, मज़दूर नहीं!'

आनंद : 5000 रु स्टाइपेंड घोषित होने पर बोले इंटर्न्स, 'डॉक्टर हैं, मज़दूर नहीं!'

राज्य में कोरोना की स्थित काफी खराब चल रही है। बढ़ती हुई इस महामारी को बस में करने के लिए सभी मेडिकल और पेरामेडिकल टीम की सहाय ली जा रही है। नर्सिंग स्टाफ में से भी फ्रेशर्स को कोरोना ड्यूटी सौंप दी गई है। ऐसे में अस्पतालों में एक शृंखला काम कर रही हिय। जिसमें यदि एक भी वर्ग यदि काम करने से पीछे हट जाती है तो सारा तंत्र बिखर जाता है। खास करके जब डॉक्टर हड़ताल पर उतर जाये तो स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाती है। 
कुछ ऐसा ही हो रहा है आनंद में जहां प्रमुख स्वामी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न फिलहाल हड़ताल पर उतर गए है। निजी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स को मात्र 5000 रुपए का स्टाइपेंड देने की घोषणा होने पर डॉक्टर हड़ताल पर उतरे है। बता दे की राज्य सरकार के आरोग्य विभाग द्वारा इंटर्न और रेसिडेंट डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ा कर 13000 रुपए कर दिया गया है। ऐसे में सभी रेसिडेंट डॉक्टरों ने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की है। बता दे की प्रमुख स्वामी मेडिकल कॉलेज में अभी 340 मरीज कोरोना का इलाज करवा रहे है। 
एक तरफ सरकारी कॉलेज के इंटर्न डोकटरों को हर महीने 13000 रुपए मिल रहे है, वहीं निजी अस्पतालों के इन इंटर्न डॉक्टरों को मात्र 5000 रुपए मिल रहे है। जिसके चलते लोगों में क्रोध है। इंटर्न्स का कहना है की उनके मासिक स्टाइपेंड को बढ़ा कर 15000 रुपए की जाये। जिसके चलते 85 इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर उतर गए है। बता दे की पिछले काफी समय से कम स्टाइपेंड के कारण डॉक्टर्स ने अपनी मांग राखी है। इस बारे में बात करते हुये मेडिकल कॉलेज के डिन डॉ. हिमांशु पंडया ने कहा की छात्रों द्वारा महामारी के इस समय में की गई यह मांग अयोग्य है।