एयर इंडिया 'टाटा' की हुई, सरकार ने लगाई मुहर

एयर इंडिया 'टाटा' की हुई, सरकार ने लगाई मुहर

68 सालों बाद फिर से टाटा ग्रुप की हुई एयर इंडिया, 18000 करोड़ की बीड लगाकर फाइनल हुई डील

पिछले कई समय से एयर इंडिया को बेचने की सरकार की कोशिश आखिरकार कामयाब हुई है। टाटा ग्रुप द्वारा 18000 करोड़ की बोली लगाकर कंपनी की कमान अपने हाथों में हासिल कर ली है। डिपार्टमेन्ट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट(DIPAM) ने प्रेस कोन्फ्रेंस कर के इसकी जानकारी सभी को दी। 
DIPAM के सेक्रेटरी तुहिन कान्त ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा की Air India के लिए टाटा ग्रुप ने सबसे अधिक 18000 करोड़ की बोली लगाई थी। ऐसे में एयर इंडिया का 15300 करोड़ के कर्ज का भुगतान टाटा द्वारा किया जाएगा। बता दे की 31 अगस्त तक एयर इंडिया पर 61560 करोड़ रुपए का कर्ज था। जिसमें अब 15300 करोड़ टाटा द्वारा जबकि अन्य 46262 करोड़ का खर्च एयर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी करेंगी। दीपम ने यह भी जानकारी दी की इससे एयर इंडिया के कर्मचारियों पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। बता दे की एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइस जेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी। उल्लेखनीय है की एयर इंडिया की शुरुआत जेआरडी टाटा ने ही की थी। जिसके 68 साल बाद फिर से टाटा ग्रुप ने सबसे अधिक बोली लगाकर खरीद कर अपने नाम वापिस कर लिया है। 
एयर इंडिया के लिए परेशानियाँ बढ़ी थी साल 2007 से जब से एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का मर्जर हुआ था। मर्जर के पीछे सरकार ने बढ़ती हुई ईंधन की कीमत और बढ़ती हुई कोंपिटीशन को कारण बताया था। इसके बाद कंपनी लगातार घाटा करने लगी। साल 2019 तक कंपनी पर 60 हजार से भी अधिक का कर्ज हो गया। इसके अलावा साल 2020-21 के लिए कंपनी का अनुमानित घाटा भी 9 हगजर करोड़ का था। इसके पहले भी सरकार द्वारा एयर इंडिया के विनिवेश की तैयारी की गई थी। लेकिन पहले प्रयास में यह योजना सफल नहीं हुई। पहले प्रयास में सरकार ने कंपनी के 76 प्रतिशत बेचने की तैयारी दिखाई थी। हालांकि इस बार सरकार ने 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी दिखाई। 
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