अहमदाबाद : अदालत के आदेश की अवेहना करना इस शख्स को पड़ा भारी, अब पत्नी को 12 हजार की जगह देने होंगे दो लाख रुपए प्रति माह

सूरत की पारिवारिक अदालत ने एक मामले में पहले आदमी को दोनों बच्चों को 3 हजार प्रति माह और पत्नी को 6 हजार प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था

गुजरात के अहमदाबाद में अपनी पत्नी को छोड़ने वाले एक शख्स के लिए पत्नी के साथ अलगाव के बाद पत्नी को गुजारा भत्ता के रूप में 12 हजार रुपये प्रति माह के भरण-पोषण आदेश का पालन न करना बहुत ही महंगा पड़ा है। अब उस शख्स को 12 हजार की जगह दो लाख रुपए प्रतिमाह देने पड़ रहे हैं। 

आदेशों का पालन नहीं किया


आपको बता दें कि सूरत की पारिवारिक अदालत ने एक मामले में पहले आदमी को दोनों बच्चों को 3 हजार प्रति माह और पत्नी को 6 हजार प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था, लेकिन उसने अदालत के आदेश की अवहेलना की और पत्नी और बच्चों को पैसे नहीं दिए। इसके बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर सूरत के फैमिली कोर्ट द्वारा तय रखरखाव आदेश (राशि) को बढ़ा दिया है। बता दें कि तलाक या अलगाव के बाद पति को पत्नी को नियमित रूप से रखरखाव की एक निश्चित राशि का भुगतान करने का निर्देश देने वाला अदालत का आदेश भरण-पोषण आदेश कहलाता है।

पत्नी ने की ये मांग


बता दें कि पति द्वारा छोड़े जाने के बाद महिला ने मार्च 2017 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। महिला ने कोर्ट से कहा कि उसे और उसके बच्चों को उसका पति गुजारा भत्ता दे। उसने कहा कि उसका पति उसे छोड़कर चला गया है। महिला ने पति से अपने लिए तीन लाख और दो बच्चों के लिए एक लाख प्रति माह की मांग की। उसने यह भी कहा कि उसके पति के पास पैसों की कोई कमी नहीं है क्योंकि वह हीरा व्यापारी है और 25 लाख रुपये महीने कमाता है।